उत्तर प्रदेशताज़ा खबरमहिला जगत

बेटी है जीवन का आधार, ना समझो कोई इसको भार, राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में मनाया गया घरौदों से आसमान तक की उड़ान शीर्षक से राष्ट्रीय बाालिका दिवस, नगर के विभिन्न महाविधालयों में आयोजित की गई वर्चुअल कार्यशाला

शामली। घरौंदों  से आसमान तक की उड़ान शीर्षक से बालिका दिवस पर एक वर्चुअल कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें जनपद की विभिन्न महाविद्यालयों की छात्राओं द्वारा सहभागिता की गयी।  डा रितु जैन समाजसेविका तथा स्मार्ट गर्ल प्रशिक्षिका ने कार्यशाला में बालिकाओं को बताया कि देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री स्व० इंदिरा गांधी की स्मृति में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 24 जनवरी  2009 को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में  24 जनवरी का दिन घोषित किया। 24 जनवरी 1966 को इसी दिन पहली बार भारत को भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री मिली थी। जानकारी के अनुसार महिला सशक्तिकरण का वह एक सुदृढ़ उदाहरण है। भारत की सभी बेटियां अपनी क्षमताओं को समझें और अपने आप को सक्षम बनाएं और सशक्त भारत के निर्माण में अपनी सराहनीय भूमिका अदा करें। बेटी है जीवन का आधार ना समझो कोई इसको भार, बेटियों ने भी खुलकर कार्यशाला में अपने विचारों को रखा कार्यशाला में सहभागिता कर रही हिमानी निर्वाल  और सिया ने बताया कि आज भी कई परिवार इस  सोच के है जिसमें  बेटियों को उच्च शिक्षा से रोक दिया जाता है। बेटियां आज भी उच्च शिक्षा से कई कारणों से वंचित है। जरूरत है ऐसी बेटियों का पता लगाकर उन्हे  उनकी  उच्च शिक्षा के लिए और उनके सुंदर भविष्य के निर्माण के लिए प्रशासन तथा एनजीओ को साथ मिलकर कार्य करने की। नीतू कोरी ने बताया कि कई और समस्याएं भी हैं, जिनका आज बेटियां सामना कर रही हैं। भारत जरूर प्रगति के पथ पर है महिलाओं की स्थिति में सुधार भी है, लेकिन कहीं ना कहीं अभी भी आवश्यकता है और अधिक सुधार की ताकि भारत की हर एक बेटी एक सशक्त महिला के रूप में अपनी पहचान बना सके। कई बार बेटियों ने बताया कि हमें बाहर की चुनौतियों के साथ-साथ परिवार से मिल रही चुनौतियां का सामना करना पड़ता है। जो कि एक जटिल परिस्थिति खड़ी करती है। बेटियों को उनके सर्वांगीण विकास में जरूरत है कि लोगों को अपनी पुरुषवादी सोच से बाहर निकलकर बेटियों को भी सहजता का जीवन जीने का अधिकार देना चाहिए। रिया संगल ने बेटी शीर्षक से कविता पाठ किया के प्रसंग में एक कविता का पाठ किया अंशु ने अपने विचारों को व्यक्त किया। जिसमें उसने बताया की बहुत सी लड़कियां एनडीए और आर्मी में जाना चाहती हैं लेकिन कई बार उन्हें वह सभी जानकारियां प्राप्त नहीं हो पाती हैं। जिससे वे उस पद को सुशोभित कर सके नाजरीन ने बताया कि वह आई ए एस अधिकारी बनना चाहती है और जिलाधिकारी शामली जसजीत कौर को अपना आदर्श बताया और कहा कि आई ए एस बनने के लिए  कड़ी मेहनत कर रही है। साथी बेटियों ने अपने सपने साझा किए और अपने सपनों को उड़ान देने की बात रखी कि किस तरीके से वह सभी कोशिश कर रही हैं। अपने घरों से आसमान तक की उड़ान  भरने की और महिला सशक्तिकरण को नये आयाम देने की कार्यक्रम का संचालन तथा संयोजन डा रितु जैन समाजसेविका तथा स्मार्ट गर्ल प्रशिक्षिका ने किया कार्यशाला में पूजा ठाकुर रश्मि  फरीन, मुसबीरा अहमद, रेणू, वैष्णवी, शालू, रेशु आदि बालिकाओं ने सहभागिता की।
रिपोर्ट :-  सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी जनपद शामली उ०प्र०।

Related Articles

Back to top button