श्री खाटू श्याम मानव सेवा चैरिटेबल फाउंडेशन ने निकाली निशान यात्रा, ढोल नगाड़ों व बैंड बाजों के साथ निकली भव्य रथ यात्रा, निवर्तमान चैयरमैन अरविंद संगल ने मुख्य अतिथि के रूप में ज्योति प्रचंड कर किया रथ यात्रा का शुभारंभ

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शामली। श्री खाटू श्याम मानव सेवा चैरिटेबल फाउंडेशन रजि. शामली द्वारा बहुत ही भव्य खाटू श्याम निशान यात्रा ढोल नगाड़ों , बैंड बाजों के साथ भव्य खाटू श्याम जी रथ यात्रा का आयोजन किया गया जो शामली शहर के मुख्य मार्गो से होती हुई सती मंदिर खाटू श्याम मंदिर पर एकत्र हुए  रथ यात्रा के मुख्य अतिथि श्री अरविंद संगल, निवर्तमान चेयरमैन, नगर पालिका परिषद शामली ने रथ यात्रा का ज्योति प्रचंड कर शुभारंभ किया इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने कहा कि बाबा श्याम कलयुग के राजा है जैसे जैसे कलयुग बढ़ेगा वैसे-वैसे उनके भक्त भी बढ़ते चले जाएंगे बाबा श्याम की दया का किसी को पता नहीं कब किस रूप में आकर दया करें, बाबा श्याम अहलावती के पुत्र बर्बरीक थे जिन्होंने अपनी मां से आशीर्वाद लेकर महाभारत का युद्ध लड़ने की कामना की माता का आशीर्वाद लेते वक्त माता ने कहा जाओ पर तुम्हें रास्ते में कोई भी मिलेगा तुम उसको जो वह कहेगा वह दान कर देना और हारे हुए को जिताना ही तुम्हारा कर्तव्य होगा, जब यह बात कुरुक्षेत्र में खड़े भगवान कृष्ण को पता लगी तो कृष्ण भगवान ब्राह्मण का रूप लेकर चिलकाना गांव हरियाणा पानीपत में पहुंचे और बर्बरीक से कहा की बर्बरीक कहां जाते हो बर्बरीक ने कहा महाराज मुझे महाभारत का युद्ध लड़ना है  वही जा रहा हूं मुझे कुछ कर दिखाना है महाराज बोले इतनी छोटी सी उम्र में युद्ध लड़ कर क्या करोगे ऐसी तुम्हारे पास क्याशक्ति है बर्बरीक ने कहा महाराज मेरे तर्कस में तीन बाण है  एक ही बाण पूरे युद्ध का निर्णय कर देगा ब्राह्मण देवता बोले कि इस बात का क्या सबूत है बर्बरीक बोले कि महाराज यह  पीपल का पेड़ है मैं इसके 1 बान से सभी पत्ते छेद दूंगा जैसे ही बर्बरीक ने तरकस से बान निकाला तो उस बाण ने पेड़ के सभी पत्ते छेद दिए भगवान कृष्ण जो ब्राह्मण के रूप में आए थे उन्होंने एक पत्ता अपने पैरों के नीचे दबा दिया बर्बरीक का बाण ब्राह्मण देवता के पैरो के चारों तरफ  घूमने लगा ब्राह्मण देवता समझ गए की यह युद्ध का निर्णय नहीं होने देगा जो हारेगा उसकी तरफ से युद्ध  लड़ेगा ब्राह्मण देवता ने कहा कि इस कलयुग में एक शीश का दान चाहिए या तो भोलेनाथ दे सकते हैं या विष्णु भगवान या बर्बरीक तुम,
इस समय भोलेनाथ और विष्णु जी तो नहीं दे सकते,  इसलिए यह दान तुम्हें ही देना होगा बर्बरीक ने कहा महाराज शीश का दान  दे दूंगा  परंतु जो इतना सब कुछ जानता है वह कोई मामूली ब्राह्मण तो नहीं होंगे कृपया अपना असल रूप दिखलाइए, ब्राह्मण देवता तभी विराट रूप लेकर कृष्ण भगवान के रूप में प्रकट हुए तभी बर्बरीक ने तरकश से तलवार निकाली और शीश का दान दे दिया बोलो हारे के सहारे की जय बाबा श्याम की जय
अंत में जब युद्ध समाप्त हो गया तब पांडव कहने लगे युद्ध मैंने जिताया मैंने जिताया इस बात का पता लेने के लिए पांचो पांडव भगवान कृष्ण के पास पहुंचे और बोले कि हे प्रभु युद्ध किसने जीताया कृष्ण भगवान भोले कि मैं तो अर्जुन का रथ चला रहा था इसका मुझे कोई ज्ञान नहीं है युद्ध किसने जीताया इसका पता सिर्फ  बर्बरीक दे सकते हैं जो हिमाचल की पहाड़ियों में अमृत किए हुए विराजमान है चलो उस शीश के पास चले और पता करें की युद्ध किसने जीताया सभी कृष्ण भगवान के साथ बर्बरीक के पास पहुंचे और बोले हे बर्बरीक युद्ध किसने जीताया युद्ध किसने जीताया इस बात का नहीं पता चला तो हम पांचों भाई एक दूसरे से लड़कर ऐसे ही मर जाएंगे कृपया हमें बताएं कि युद्ध किसने जीताया बर्बरीक बोले हे पांच पांडव युद्ध रचने वाले भी भगवान कृष्ण थे युद्ध हारने वाले भी भगवान कृष्ण थे और युद्ध जीतने वाले भी भगवान कृष्ण ही थे इसलिए यह महाभारत का युद्ध स्वयं भगवान कृष्ण ने जिताया है
फिर भगवान कृष्ण ने प्रसन्न होकर बर्बरीक से कहा हे बर्बरीक तुम कलयुग में मेरे नाम श्याम नाम से जाने जाओगे और तुम्हारा स्थान सीकर जिले के खाटू नगर में बहुत ही भव्य मंदिर के रूप में होगा तुम्हारे पास जो भी हार कर आएगा तुम उसे जीत दिलाओगे और हारे के सहारे कहलाओगे हारे के सहारे की जय
 फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकुल नामदेव व अन्य श्याम भक्त  अर्जुन ,  आकाश वर्मा, विशाल निरवाल, प्रशांत वर्मा, विवेक मयंक राठी, हिमांशु भारद्वाज ,आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट :- सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी जनपद शामली उ०प्र०।