देहरादून। कोरोना संक्रमण और फैलने का जोखिम न लेने के लिहाज से उत्तराखंड पुलिस ने नैनीताल और मसूरी घूमने आए 8000 से ज्यादा पर्यटकों को वापस भेज दिया। खबरों की मानें तो वीकेंड के दौरान तफरीह के लिहाज से आए लोगों को बैरंग लौटना पडा।़क्योंकि पुलिस ने इन शहरों के बॉर्डर पर ही चेकपॉइंट बना दिए हैं, ताकि प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की तरफ आने वाले लोगों को नियंत्रित किया जा सके। वहीं सरकारी आंकड़ों की मानें तो पिछले हफ्ते सिर्फ इन दो टूरिस्ट प्लेसों पर ही 50 हजार से ज्यादा टूरिस्ट पहुंचे।
उत्तराखंड के डीआईजी नीलेश आनंद भारणे के हवाले से खबरों में कहा गया कि लोगों को कोरोना निगेटिव रिपोर्ट साथ रखने की हिदायतों के साथ ही यह भी कहा गया है कि मसूरी और नैनीताल में ही भीड़ जुटाने से बेहतर है कि रानीखेत, भीमताल और लैंसडाउन जैसे पर्यटन स्थलों की तरफ भी लोग रुख करें। इधर, जिला मजिस्ट्रेटों को सरकार ने निर्देश दिए हैं कि वीकेंड पर टूरिस्टों की भीड़ को नियंत्रण में रखा जाए। यह भी कहा गया कि किसी भी अप्रिय स्थिति के लिए डीएम ही जिम्मेदार होंगे। उत्तराखंड में नैनीताल और मसूरी दो पर्यटन स्थल भारी भीड़ के अड्डों के तौर पर पिछले कुछ हफ्तों में सामने आए। सरकारी आंकड़ों के हवाले से एक रिपोर्ट ने कहा कि नैनीताल में जुलाई के पहले हफ्ते में 33,000 पर्यटक पहुंचे, तो मसूरी में 20,000. कोविड संबंधी निगेटिव रिपोर्ट न होने जैसे कुछ कारणों के चलते अन्य हजारों पर्यटकों को इस दौरान नगरों में प्रवेश नहीं दिया गया। आधिकारिक बयानों की मानें तो जून के मुकाबले जुलाई में यहां पर्यटकों का अधिकारियों के मुताबिक मसूरी में जुलाई के पहले वीकेंड के दौरान 9500 वाहन पहुंचे तो नैनीताल में 9466. इन आंकड़ों के मुताबिक केवल मसूरी में ही 3900 वाहनों को 11 जुलाई को प्रवेश दिए जाने से मना कर दिया गया। 10 और 11 जुलाई के बीच कम से कम 415 टूरिस्टों को कोविड प्रोटोकॉल तोड़ने पर चालान भी थमाया गया। जमावड़ा चार गुना बढ़ गया है क्योंकि दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और यूपी से लगातार टूरिस्ट मसूरी पहुच रहे हैं। इस भीड़ और कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनजर मसूरी के सीओ नरेंद्र पंत का कहना है कि जो लोग निगेटिव जांच रिपोर्ट, होटल बुकिंग और स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन संबंधी दस्तावेज नहीं ला रहे हैं, उन्हें देहरादून के कोहलूखेत से ही लौटाया जा रहा है। इस कदम से एक तरफ कोहलूखेत में दो किलोमीटर लंबा जाम तक देखने को मिला तो दूसरी तरफ पर्यटकों में नाराजगी भी.अप्रैल से जून तक पूरे राज्य में वीकेंड लॉकडाउन तो रहा ही। दिल्ली से परिवार के साथ आए प्रेम प्रकाश ने कहा कि पिछले 2 सालों से घर पर रहने के बाद आउटिंग के लिए सपरिवार निकले थे, लेकिन गाइडलाइन्स का पालन करने के बावजूद यहां भी जाने नहीं दिया गया। इसी तरह, हरियाणा से आए 10 लड़कों के समूह ने बताया कि उन्होंने होटल देहरादून में बुक करवाया और वो घूमने मसूरी जाना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उनको वापस भेज दिया।
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