उत्तराखण्ड

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने किया, प्रदेश प्रभारी के आदेशों को दरकिनार

अनिल पंछी

देहरादून: उत्तराखण्ड में राज्य विधानसभा चुनाव सर पर हैं किन्तु कांग्रेस में गुटबाजी रूकने का नाम नही ले रही है। यही वो वजह है कि सल्ट विधानसभा उपचुनाव में भी कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा।

यदि पार्टी आलाकमान ने गुटबाजी रोकने के लिए शीघ्र कोई कदम नही उठाया तो कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

पिछले विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करने के बावजूद कांग्रेस कोई सबक लेने को तैयार नही है।

वर्तमान में कांग्रेस सीधे तौर पर दो धड़ों में बंटी है, जोकि हर मौके पर एक दुसरे की टांग खीचने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है। जिससे उत्तराखण्ड कांग्रेस राज्य की भाजपा सरकार को हर मोर्चे में घेरने में पूरी तरह से विफल साबित हो रही है।

इतना ही नही कांग्रेस एक दुसरे की टांग खीचते खींचते सल्ट विधानसभा उपचुनाव भी हार गयी। आपसी गुटबाजी के कारण कांग्रेस को ऐसी कोई संजीवनी नही मिल पा रही है। जिससे कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं को आक्सीजन मिल सके।

दो धड़ों में बंटी कांग्रेस का एक दुसरे को नीचा दिखाने का ताजा ड्रामा सल्ट विधानसभा उपचुनाव में सामने आया।

इस विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का प्रभाव माना जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में पूर्व विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमा चुकी गंगा पंचोली को टिकट दिए जाने की वकालत की और उसे मिला भी।

किन्तु इस मामले में भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह अंडगा लगाने से बाज नही आए। उन्होंने हरीश रावत के गुट पर सेंध लगाते हुए हरीश के खास आदमी समझे जाने वाले रणजीत रावत के पुत्र को टिकट दिलाने के लिए वकालत की।

हांलाकि जिसमें वो कामयाब नही हो पाए किन्तु हरीश रावत गुट पर सेंघ लगाने में उन्हे सफलता हासिल हो गयी।

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि हरीश की साख को बट्टा लगाने के लिए सल्ट विधानसभा उपचुनाव में जमकर भीतरघात हुआ। फलस्वरूप कांग्रेस को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।

बताया जा रहा है कि सल्ट विधानसभा उपचुनाव की हार की समीक्षा के लिए 9 मई को कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह व हरीश रावत सहित कई कांग्रेस के नेताओं ने एक बैठक का आयोजन किया।

चर्चा यह भी है कि प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव ने रणजीत सिंह पर एक्शन लिए जाने के आदेश प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम को दिए।

लेकिन प्रदेश प्रभारी के आदेशों को दरकिनार कर प्रीतम सिंह 10 मई को रणजीत सिंह के रामनगर में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पंहुंचे।

प्रदेश प्रभारी के आदेशों की अहवेहलना की खबर के बाद कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की नींद उड़ गयी है। वर्तमान में कांग्रेस काय्रकर्ताओं में हताशा और निराशा का माहोल है।

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