उत्तराखण्ड

सीएम के ओएसडी के पत्र को लेकर गरमाई राजनीति

बागेश्वर,11 दिसंबर। सीएम के जनसंपर्क अधिकारी नंदन सिंह बिष्ट के पत्र ने राजनीति गरमा दी है। कांग्रेस और आप ने सीएम की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। जबकि भाजपा जिलाध्यक्ष ने मामले को ठंडा करते हुए बताया कि ओएसडी को हटा दिया गया है, दोषियों पर भी कार्रवाई तय है। अलबत्ता भाजयुमो नेता को मदद करना ओएसडी को महंगा पड़ा है। उन्हें पद से हटा दिया गया है।
गुरुवार की रात इंटरनेट मीडिया में सीएम के जनसंपर्क अधिकारी नंदन सिंह बिष्ट का पत्र किसी ने वायरल कर दिया था। यह पत्र एसपी को लिखा गया था और प्रतिलिपि आरटीओ को भेजी गई थी। जिसमें 29 नवंबर को यातायात पुलिस बागेश्वर ने वाहन संख्या यूके-02 सीए 0238, यूके-04 सीएम 5907 व यूके-02 सीए 1238 के चालान को निरस्त करने के आदेश हैं। परिवहन एप में इन नंबरों की डिटेल लेने पर दो डंपर मनोज शाह के हैं, जबकि अन्य एक वाहन हरीश कुमार साह के नाम पर है। यह चालान ओवरलोडिग पर किए गए हैं। चालान यातायात निरीक्षक शिवराज सिंह बिष्ट ने द्यांगण आरे बाइपास पर चालान किए हैं। इस मामले को कांग्रेस ने मुद्दा बनाया और इंटरनेट मीडिया से लेकर सदन तक सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए। इधर, मामला सीएम तक पहुंचने के बाद भी ट्रक संचालक को लाभ नहीं मिला। जब तक पीआरओ के निर्देश पहुंचते पुलिस ने कार्रवाई आगे बढ़ा दी थी। शुक्रवार को पत्र वायरल होने के बाद डंपर स्वामी ने 45 हजार रुपये की धनराशि जमा भी करा दी है। डबल इंजन की सरकार खड़िया, रेता और अन्य कार्यों में लिप्त लोगों को संरक्षण दे रही है। इसका जीता जागता प्रमाण लोगों को मिल गया है। इमानदारी का चोला पहनने वालों को कांग्रेस जनता के बीच ले जाएगी।मुख्यमंत्री इमानदार छवि वाले नेता हैं। उन्होंने मामले में सख्ती दिखाते हुए ओएसडी को निष्कासित कर दिया है। मामले की जांच की जा रही है। जांच में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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