उत्तराखण्ड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून विश्वविद्यालय में आईएएसएसआई 24वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया, सतत विकास और सामाजिक कल्याण पर जोर

देहरादून।मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को दून विश्वविद्यालय, देहरादून में इंडियन एसोसिएशन ऑफ सोशल साइंस इंस्टीट्यूशंस (IASSI) के 24वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में सामाजिक कल्याण, अर्थशास्त्र, रोजगार, उद्योग, कृषि, तकनीकी, पर्यावरण और नगरीकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर देश-विदेश के प्रख्यात विद्वानों द्वारा विचार-विमर्श किया जाएगा। इस चिंतन-मंथन से सामाजिक नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन एवं राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर जन-जन के कल्याण के लिए ठोस एवं व्यवहारिक उपाय तैयार होंगे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मूलमंत्र के साथ निरंतर कार्य कर रहा है। पिछले 11 वर्षों में जन-धन योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत योजना जैसी अनेक योजनाओं के माध्यम से करोड़ों नागरिकों को लाभ मिला है।

मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में राज्य और केंद्र सरकार की पहल का जिक्र करते हुए सौर मिशन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, नमामि गंगे अभियान और प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान का उल्लेख किया। उन्होंने वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने, पति-पत्नी दोनों को पेंशन देने और सभी पेंशन योजनाओं में मासिक भुगतान शुरू करने जैसी सामाजिक न्याय योजनाओं का भी हवाला दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 2030 तक सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्ध है। इसके तहत आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय स्थिरता बनाए रखते हुए सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने त्रि-स्तंभीय एवं नौ-सूत्रीय नीति का भी उल्लेख किया, जो राज्य में इकोनॉमी और इकोलॉजी के संतुलन को सुनिश्चित करती है।

उन्होंने गरीबी उन्मूलन, खाद्य सुरक्षा, पेयजल एवं स्वच्छता, जन्म के समय लिंगानुपात, स्वच्छ ऊर्जा, शहरी विकास, वित्तीय समावेशन और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में निरंतर कार्य किए जाने की जानकारी दी। मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता प्रोत्साहन योजना, सौर ऊर्जा क्रांति अभियान, स्मार्ट सिटी मिशन और मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना के माध्यम से इन क्षेत्रों को सशक्त बनाने का भी जिक्र किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन में उत्तराखंड देश में प्रथम स्थान पर है। राज्य में जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच, सतत कृषि और जल संसाधन प्रबंधन जैसी चुनौतियों के समाधान के लिए टाटा ट्रस्ट, नैस्कॉम और वाधवानी फाउंडेशन के साथ महत्वपूर्ण समझौते किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि टाटा ट्रस्ट के सहयोग से जल प्रबंधन, पोषण, टेलीमेडिसिन, ग्रामीण आजीविका और हरित ऊर्जा के क्षेत्रों में समग्र और सतत विकास को सशक्त किया जा रहा है। नैस्कॉम और वाधवानी फाउंडेशन के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, साइबर सुरक्षा, पायथन, जनरेटिव एआई, कौशल विकास एवं स्वरोजगार जैसे क्षेत्रों में युवाओं को आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान किया जा रहा है।

इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, आईएएसएसआई अध्यक्ष एवं नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सचिन चतुर्वेदी, प्रो. आर.पी. ममगांई, प्रो. आई.सी. अवस्थी, प्रो. अलख शर्मा और अन्य विषय विशेषज्ञ उपस्थित थे।

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