उत्तराखण्ड

सीएम रावत ने आम जनता को समर्पित किया जानकी सेतु

ऋषिकेश:  टिहरी और पौड़ी जनपद के मुनिकीरेती और स्वर्गाश्रम को जोड़ने वाला जानकी सेतु आज से आम जनता के लिए खुल गया है। बहुप्रतिक्षित जानकी सेतु का निर्माण मार्च 2013 में शुरू हुआ था। तमाम अड़चनों के कारण यह पुल समय पर तैयार नहीं हो पाया। लंबे इंतजार के बाद तैयार हुए जानकी सेतु का शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कबीना मंत्री सुबोध उनियाल और यमकेश्वर विधायक रितु खंडूरी ने संयुक्त रुप से जानकी सेतु का लोकार्पण किया। लोकार्पण के बाद मुख्यमंत्री स्वर्गाश्रम क्षेत्र पहुंचे।

यहां जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का ढोल-नगाड़ों के साथ मुखयमंत्री का स्वागत किया। आपको बता दें कि करीब सात वर्ष के लंबे इंतजार के बाद तैयार हुआ जानकी सेतु तीर्थनगरी के तीर्थाटन, पर्यटन और क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। मुनिकीरेती के कैलाश गेट स्थित पूर्णानंद घाट से स्वर्गाश्रम के वेद निकेतन के बीच गंगा नदी पर 346 मीटर लंबा और 3.9 मीटर चैड़ा थ्री-लेन ब्रिज तैयार हो गया है। इस पुल के निर्माण का काम 31 मार्च 2013 में शुरू हो गया था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुखिया विजय बहुगुणा ने इस पुल का शिलान्यास किया था। मगर, तमाम अड़चनों के कारण यह पुल तय समय पर पूरा नहीं हो पाया। बहरहाल क्षेत्रीय विधायक व वर्तमान में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के प्रयासों से पिछले तीन वर्षों में इस पुल के निर्माण में तेजी आई और अब करीब 59 लाख रुपये की लागत से यह थ्री लेन का जानकी सेतु तैयार हो चुका है। जानकी सेतु के निर्माण के बाद इसके लोकार्पण को लेकर भी खासी राजनीति गरम रही। आखिरकार शुक्रवार को सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस पुल का लोकर्पण किया।

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