जिला पंचायत सदस्य ने अपने जन्मदिन पर शुरू किया उपवास

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मुनस्यारी:  जिला पंचायत सदस्य जगत मार्तोलिया ने अपने 49वां जन्मदिन पर आवास में चार घंटे तक उपवास किया। उन्होंने प्रदेश के आपदा प्रभावितों के लिए जनपक्षीय पुनर्वास नीति तथा हिमालय क्षेत्र के विकास के लिए पृथक हिमालय निर्माण नीति बनाने की मांग को जोरदार ढंग से उठाया। कहा कि अब अपने जीवन के शेष समय को रचनात्मक सामाजिक कार्य तथा जनविद्रोह के लिए समर्पित करेंगे। पुनर्वास नीति में बीस लाख रुपये का पैकेज देने का प्राविधान करने की मांग की है। जन सरोकार व सुधार के आंदोलनों से जुड़े पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी क्षेत्र के जिपं सदस्य जगत मार्तोलिया ने आज अपने आवास में चार घंटे उपवास में बैठकर सरकार के खिलाफ धरनाकृप्रदर्शन किया।
जन्मदिन को उत्तराखंड के उन हजारों आपदा प्रभावितों को समर्पित किया जो 1971 के बाद से अपना ठिकाना खोने के बाद पुनर्वास की आशा में हैं। अनूठे ढंग से जन्मदिन मनाते हुए मार्तोलिया ने कहा कि आज से पुनर्वास की लड़ाई को अंतिम चरण तक ले जाने के संकल्प के साथ संघर्ष की शुरूआत कर रहे हैं। जिपं सदस्य मार्तोलिया ने कहा कि यूपी में 1971 में धारचूला के खेला व गरब्यांग गांव के साथ ही पहाड़ के आपदा प्रभावितों का पुनर्वास हुआ। उसके बाद राज्य बनने के बीस साल बाद भी एक पुनर्वास नीति नहीं बन पाई।

कहा कि एसडीआरएफ की गाइड लाइन से आपदा प्रभावितों को राहत राशि मिलती है। वह उनके आपदा के जख्मों को कुरेद देता है। तराई भावर क्षेत्र में लाखो एकड़ भूमि फार्म हाउस के नाम पर पूंजीपतियों के कब्जे में है। जिनकी लीज भी खत्म हो गई है। उन फार्मोंमें प्रभावितों को कम से कम दो एकड़ भूमि का मालिकाना हक देने के साथ बसाना चाहिए। मार्तोलिया ने कहा कि पहाड़ के वन भूमि में आपदा प्रभावितों को बसाने की मुख्यमंत्री की घोषणा को दो माह हो गये हैं। अभी तक शासनादेश जारी नहीं किया गया है। बीस सालो के भीतर किसी भी सरकार ने आपदा प्रभावितों के लिए एक पुनर्वास नीति, हिमालय के विकास के लिए निर्माण कार्य की वैज्ञानिक नीति नहीं बनाई। हिमालय क्षेत्र में मानव हस्तक्षेप व गैर वैज्ञानिक नीतियों का इतना दखल बढ़ गया है कि हर साल आपदा के रुप में इस तरह के भूचाल आ रहे है। मार्तोलिया ने कहा कि 24 सितंबर को आपदाग्रस्त धापा गांव से इस अभियान को शुरूकर रहे है। मार्तोलिया ने कहा कि गांव गांव जाकर ग्रामीणों के समूह बनाकर वे सरकार व शासन के तंत्र पर दबाव बनाने के लिए एक निर्णायक संघर्ष करेंगे। इसके लिए आज जन्म दिन के अवसर से ही अभियान को प्रारंभ कर दिया है।