उत्तराखण्डपर्यावरण

ग्रामीणों ने पौध रोपित करने के साथ ही लिया जंगल बचाने का संकल्प

गोपेश्वर: महिला मंगल दल एवं युवक मंगल दल ने मिलकर आज विधिवत ढंग से वनदेव की पूजा अर्चना कर डोबरा तोक में वनिकरनण अभियान के तहत प्रथम चरण में फलदार पौधे रोपित करने के साथ ही माँ चंडिका तथा चामुंडा देवी के नाम पर सघन वन को तैयार करने का निर्णय लिया। इस दौरान ग्रामीणों ने बैठक कर गाँव के सघन बाँज के जंगल को बचाने का भी संकल्प लिया।

वनिकरण अभियान पर विस्तार से बात करते हुए उम्र की 88वीं दहलीज पर पहुँच चुके प्रख्यात पर्यवरण विद, चंडी प्रसाद भट्ट ने ग्रामीणों की इस पहल की सहराना करते हुए कहा की वनांदोलनों की धरती पर ऐसी पहल सरहानीय है।उन्होंने कहा की पूर्वजो द्वारा सहेज कर रखे गए सघन बाँज बुरांस काफल का प्राकृतिक जंगल आज बदलते दौर में बड़ते शहरी करण के कारण सिमटने लगा है। ग्रामीणों द्वारा सामूहिक रूप से इसे बचाने के लिए आगे आना ही होगा। उन्होंने कहा कि आज कई समाज सेवकों द्वारा व्यक्तिगत प्रायासों से पौधरोपण किये जा रहे हैं, जो कि प्रशंसनीय है ।

साथ ही उन्होंने कहा कि पौधे रोपने के साथ ही उनका निरंतर संरक्षण एवं संबर्धन करना जरूरी है। प्रति वर्ष दहकते जंगलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्राकृतिक जंगलों को बचाने के लिए भी युवाओं को सामूहिक रूप से बड़चढकर आगे आना होगा।

कार्यक्रम के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता शांति प्रसाद भट्ट ने कहा कि युवाओं को शहर की हारियालि को बनाये रखने के लिए वनिकरण अभियान में आगे आकर बंजर भूमि को हरा भरा करने के लिए कृत संकल्पित होना होगा,तभी हमारी स्वछ सुंदर एवं प्रदूषण मुक्त शहर की संकल्पना पूरी होगी।

सी.पी.सी.ई.डी. के प्रबंध न्यासी ओम प्रकाश भट्ट ने कहा कि न्यास द्वारा इस क्षेत्र मे विगत तीन वर्षो से युवाओं के सहयोग से पौधरोपण किया जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा इसीअभियान को वृहद स्तर पर आगे बड़ाने के लिए चंडिका देवी तथा चामुंडा देवी के नाम पर वृहद स्तर पर पौधरोपण कर विस्तृत् सघन वन को तैयार करने की योजना है। जिसमें न्यास द्वारा पूरा सहयोग दिया जायेगा।

इस अवसर पर शांति प्रसाद भट्ट. न.पा. पार्षद ,नवल भट्ट, गोपाल दत्त भट्ट, धनराज नेगी, किशन बिष्ट, शिव सिंह नेगी, नेगी,अशोक बिष्ट, चंद्रप्रकाश भट्ट, अमित रावत, उमेश भट्ट, गोपाल सिंह पंवार, सतीश बिष्ट, सुनील तिवारी, धनराज सिंह,
सुशीला सेमवाल, पुष्पा देवी, सरोज देवी, देवेश्वरी देवी, लक्ष्मी देवी, उमा देवी, मधु देवी, विमला देवी आदि ग्रामीण सहित कई पर्यावरण प्रेमी भी मौजूद थे।

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