उत्तराखण्ड

हरिद्वार महाकुंभ को संक्षिप्त में करने की योजना की देवभूमि महासभा ने की आलोचना

देहरादून:  देवभूमि महासभा के केंद्रीय कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें महासभा के आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गईं।

इस अवसर पर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रमोद कपरुवाण शास्त्री ने कहा कि जिस तरह से उत्तराखंड सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है और अब कोरोना का बहाना बनाकर सनातन धर्म की आस्था के प्रतीक सबसे बड़ा त्यौहार हरिद्वार में आयोजित महाकुंभ को संक्षिप्त में करने की जो योजना बनाई जा रही है देवभूमि महासभा उसकी घोर आलोचना करती है।

जहां एक तरफ सरकार और उनकी पार्टी के लोग हजारों लोगों को कट्ठा कर पार्टी के कार्यक्रम को लगातार कर रहे हैं वही धार्मिक आयोजनों पर लगातार बंदिशे जारी हैं जिससे लाखों-करोड़ों सनातन प्रेमियों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

12 साल के बाद लगने वाले महाकुंभ में दुनिया और देश के लोग उत्तराखंड में आकर मां गंगा स्नान करके अपने को पुणे और धन्य समझते हैं लेकिन सरकार अपनी कमियों को और आधे अधूरे कार्य के कारण इस महाकुंभ को सीमित कर यहां के व्यवसाई वह धार्मिक अनुष्ठान कराने वाले कर्म काण्डियो के अधिकारों को छीनने का काम कर रही है।

उन्होंने कहा की आस्था के प्रतीक महाकुंभ को पूर्व की भांति ही चलना चाहिए लेकिन उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है।

इस अवसर पर सर्व सहमति से देवभूमि महासभा की कार्यकारिणी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया तथा एक सप्ताह के अंदर महासभा की कार्यकारिणी घोषित की जाएगी।

इस अवसर पर महासभा की महामंत्री महेश गौतम महासभा के प्रवक्ता देवी दयाल महासभा के कोषाध्यक्ष संतोष दिक्षित महासभा के उपाध्यक्ष अशोक बिडला आदि पदाधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में सुनील थपलियाल, यशवंत सिंह नेगी, अनुराग कुकरेती, दीपा नेगी, मीना रतूड़ी आदि लोग उपस्थित रहे।

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