अपराधउत्तर प्रदेश

विकास दुबे के खिलाफ गवाही ना देने वाले सरकारी कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई, न्यायिक आयोग ने मांगी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित किए गए न्यायिक जांच आयोग ने डीएम को पत्र लिखकर विकास के मुकदमों से जुड़ी तमाम जानकारियां मांगी हैं। साथ ही उन्होंने यह जानकारी भी मांगी है कि ऐसे कितने मामले हैं जिसमें सरकारी कर्मचारी गवाह थे और उन्होंने विकास के खिलाफ गवाही नहीं दी।

बिकरू कांड में शीर्ष कोर्ट की तरफ से रिटायर जस्टिस डॉ. बीएस चौहान की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया था। आयोग की तरफ से डीएम ब्रह्मदेव राम तिवारी को पत्र भेजकर विकास दुबे के खिलाफ दर्ज मुकदमें, उसमें लगी चार्जशीट, फाइनल रिपोर्ट, उन मामलों में गवाहों की सूची और उनकी गवाही की कॉपी मांगी है। इसके साथ ही आयोग ने डीएम से यह भी जानकारी चाही है कि इन 64 आपराधिक मामलों में किन सरकारी वकीलों ने उसके खिलाफ मुकदमा लड़ा था और उनकी फाइनल दलील की कॉपी साथ देने के निर्देश दिए हैं।

बिकरू गांव में नहीं हुई खुली बैठक
बिकरू और भीटी गांव में राशन दुकान के आवंटन के लिए खुली बैठक होनी थी पर हो न सकी। अभी तक प्रशासनिक समिति का गठन ही नहीं कर सका। जिसके चलते गांव के लोगों को मायूसी हाथ लगी। लोगो में उत्साह था कि मन का राशन दुकानदार चुन सकेंगे। शिवराजपुर विकास खंड अधिकारी आलोक पाण्डेय के मुताबिक बिना प्रधान के  बैठक के लिए कमेटी का गठन किया जाता है। जिसके लिए सीडीओ कार्यालय को पत्र भेजा गया था पर कोई आदेश ना आने से बैठक नहीं हो सकी। बिकरू की प्रधान अंजली दुबे से कोई सम्पर्क नहीं हो सका। अंजली विकास के छोटे भाई की पत्नी है। भीटी गांव के प्रधान विष्णु पाल सिंह उर्फ जिलेदार यादव बिकरू कांड में नामजद होने से फरार है। जब तक कोई सदस्य नॉमिनेट नहीं होगा तब तक बैठक नहीं हो सकती है।

Related Articles

One Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button