पेयजल ठेका कर्मचारियों की हड़ताल से खड़ा हुआ पानी का संकट

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सबसे ज्यादा असर कुमांऊ मंडल में
देहरादून। नैनीताल में अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर जल संस्थान के ठेका कार्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से शहर की पेयजल व्यवस्था चरमरा गई है। कई इलाकों में पेयजल संकट खड़ा हो गया है। पेयजल विभाग वैकल्पिक तौर पर पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने में जुटा हुआ है।
उत्तराखंड जल संस्थान के संविदा श्रमिक संगठन के आह्वान पर कुमाऊं मंडल के जल संस्थान में कार्यरत सभी ठेका कर्मचारी गुरुवार 14 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल के पहले दिन पेयजल व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ा, लेकिन दूसरे दिन शहर की पेयजल व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई। कई इलाकों में पानी का संकट खड़ा हो गया है।कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से ट्यूबवेल के संचालन के साथ-साथ पाइप लाइन के वॉल के अलावा पेयजल के टैंकरों से पानी की सप्लाई ठप हो गई है। यहां तक कि गोला नदी से फिल्टर प्लांट के माध्यम से संचालित होने वाली पेयजल व्यवस्था पर भी असर पड़ा है। शहर में पानी नहीं आने से कई क्षेत्रों के लोग नाराज होकर प्रदर्शन कर अपना विरोध जता रहे हैं।
हल्द्वानी मंडल के पेयजल ठेका श्रमिक हल्द्वानी मुख्यालय में धरने पर बैठे हुए हैं। बताया जा रहा है कि हल्द्वानी क्षेत्र के 167 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। इसके अलावा पूरे कुमाऊं मंडल के 850 से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर हैं। जिसके चलते हल्द्वानी सहित कुमाऊं मंडल के सभी शहरों में पेयजल व्यवस्था पर असर पड़ा है।
कर्मचारियों का कहना है कि पिछले 20 साल से ठेका श्रमिक के तौर पर काम कर रहे हैं। ठेकेदार और विभाग द्वारा उनका उत्पीड़न करने का काम किया जा रहा है, उनको उचित मानदेय भी नहीं दिया जा रहा है।

 

हड़ताली कर्मचारियों की मांग
कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन के साथ-साथ उनको उपनल के तहत दर्जा दिया जाए। इसके अलावा उनको साप्ताहिक अवकाश और सरकार द्वारा दी जाने वाली छुट्टियां उपलब्ध कराई जाएं। इसके अलावा वर्तमान समय में महंगाई को देखते हुए कम से कम 23 हजार से लेकर 25 हजार रुपये तक मानदेय दिया जाए।
अधिशासी अभियंता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से शहर की पेयजल व्यवस्था बाधित हुई है। लेकिन इसको सुचारू करने के लिए ठेकेदार को निर्देशित किया गया है। ठेकेदार अन्य कर्मचारियों के माध्यम से काम को संचालित कराने का काम कर रहे हैं।