चौसाना। चौसाना क्षेत्र की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन फेज-2 के तहत लाखों रुपये खर्च कर जगह-जगह कूड़ेदान लगाए गए। इन कूड़ेदानों पर बड़े-बड़े आकर्षक स्लोगन लिखे गए हैं— “मेरा कचरा मेरी जिम्मेदारी”, “स्वच्छ भारत मिशन फेज-2”, और “हमेशा कूड़ा कूड़ेदान में ही डालें”। ये स्लोगन पढ़कर मन तो प्रफुल्लित हो जाता है, लेकिन जब नजर जमीनी हकीकत पर जाती है तो तस्वीर बिल्कुल उलट नजर आती है। गांव में घुसते ही हर सड़क पर बिखरे कूड़े के ढेर स्वच्छता अभियान का उपहास उड़ाते दिखते हैं। बदबू का आलम ये है कि लोग नाक पर रुमाल रखे बिना निकल ही नहीं सकते। लाखों की लागत से बने कूड़ा प्रबंधन केंद्र पर ताले लटके हुए हैं, और आसपास गंदगी का अंबार लगा हुआ है।
स्लोगन चमकते, मगर सफाई नदारद!
चौसाना में लगने वाले कूड़ेदान पर स्लोगन तो शानदार लिखे गए हैं, मगर कूड़ा कूड़ेदान के अंदर कम और बाहर ज्यादा नजर आता है। सड़क किनारे कूड़े के ढेरों को देखकर ऐसा लगता है मानो यह कूड़े की नगरी हो और जैसे यह सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से किया गया हो!
ग्रामवासियों का फूटा गुस्सा
ग्रामवासी सलीम राणा, शहजाद राणा, साजिद, नेत्रपाल आदि का कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन केवल कागजों तक सीमित रह गया है। पंचायत द्वारा लगाए गए कूड़ेदान भी सफाई के अभाव में बेकार पड़े हैं। सफाईकर्मी नियमित रूप से नहीं आते, जिससे गांव में गंदगी का अंबार लग गया है। गांव में पंचायत के कार्यों को लेकर पहले भी विवाद हो चुके हैं। जानकारी के अनुसार, पूर्व पंचायत सचिव पर लाखों के घोटाले के आरोप लगे थे, जिसके बाद उन्हें पद से हटा दिया गया। अब नए पंचायत सचिव की नियुक्ति हुई है, लेकिन ग्रामीणों को अभी भी इस बात की चिंता है कि क्या नई व्यवस्था में कोई बदलाव आएगा, या हालात वैसे ही बने रहेंगे?
ग्राम प्रधान और नए सचिव की क्या है राय?
जब इस मुद्दे पर ग्राम प्रधान और नवनियुक्त पंचायत सचिव से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि स्वच्छता बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है, लोग खुद कूड़ेदान में कूड़ा नहीं डालते, इसलिए यह स्थिति बनी हुई है। जल्द ही इस पर सुधार किया जाएगा।
जनता पूछे सवाल, कब होगा सुधार?
गांव की जनता का कहना है कि सरकार की योजनाओं का धरातल पर सही क्रियान्वयन होना जरूरी है। अगर पंचायत इस मुद्दे पर ध्यान नहीं देती तो स्वच्छ भारत मिशन केवल कागजों और स्लोगनों तक ही सीमित रह जाएगा। अब देखना होगा कि नए सचिव के कार्यकाल में सफाई व्यवस्था सुधरेगी या नहीं?
रिर्पोट : चौसाना से अभिमन्यु चौहान के साथ सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।