दिल्ली 14 दिसंबर। मुनिरिका बेर सराय दक्षिण दिल्ली में बालमुकुन्द प्रतिभा तिवारी कुमाऊं नैनीताल बेताल घाट तिवारी खोला के मूल निवासी के द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा से पहले बेरसराय के दुर्गा मन्दिर से कलश यात्रा निकाली गयी। कलश यात्रा मे पीत वस्त्र धारण कर सैकड़ों महिलाएं सर पर कलश लिए श्रीमन्नारायण भजन गाते हुए मुख्य बाजार से होते हुए, कथा पाण्डाल डीडीए स्टाफ क्वार्टर के काॅमनेटी हाल में पहुँची। जहाँ विद्वान ब्राह्मणों के द्वारा श्री गोपाल जी का अभिषेक किया गया वहीं बदरीकाश्रम शंकराचार्य व्यास पदाल॔कृत आचार्य शिवप्रसाद ममगांई जी नें आज पवित्र भागवत का वाचन करते हुए सच्चिदानन्द की व्याख्या करते हुए कहा कि चित् शब्द को निरुक्तकार ने निपात भी माना है और नाम भी। यहाँ पर नाम शब्द होने से यह शब्द भगवान् के लिए प्रयुक्त हुआ है।
आङ्पूर्वक इस धातु से ‘आनन्द’ शब्द बनता है। ‘आनन्दन्ति सर्वे मुक्ता यस्मिन् यद्वा यः सर्वाञ्जीवानानन्दयति स आनन्दः’ जो आनन्दस्वरूप, जिस में सब मुक्त जीव आनन्द को प्राप्त होते और सब धर्मात्मा जीवों को आनन्दयुक्त करता जिसका अर्थ है स्वयं आनंद स्वरुप होने से तथा अन्यों को आनंद प्रद होने से आनंद कहाने वाले भगवान् से ही यह सम्पूर्ण जगत उत्पन्न होता है। आनंद से ही इसकी स्थिति है और वे ही आनंद इसके प्रलय के कारण हैं और यह आनंद ब् आनंद मयो अभ्यासात में आनंद शब्द आया है।
इन तीनों शब्दों के विशेषण होने से परमेश्वर को ‘सच्चिदानन्दस्वरूप’ कहते हैं।
सत् प्रकृति को भी कहते है। कोई भी वह पदार्थ जो शाश्वत रहने वाला हो, वह जड़ हो या चेतन, सत् कहलाता है। प्रकृति भी अनादि और अजा है अत: सत् कहलाती है। जीवात्मा भी सत् है किन्तु साथ में चित् भी है। प्रकृति केवल मात्र जड़ पदार्थ है। जीवात्मा सत् और चेतन दोनों हैं। जीवात्मा अनादि, अमर, अजर आदि रूप के साथ चेतन भी है। इसलिए जीवात्मा सच्चित भी कहलाता है।
परमात्मा सच्चिदानन्द अर्थात सत्+चित्+आनन्द तीनों है। केवल ईश्वर ही आनंद स्वरुप है। इसलिए ईश्वर का नाम सच्चिदानन्द है। परिभाषा सच्चिदानन्द शब्द रमोत्तरतापिनी उपनिषद् में हुआ है।
तेजोबिन्दु उपनिषद् में इस शब्द का प्रयोग हुआ है।आईये सच्चिदानन्द स्वरुप परमात्मा की उपासना कर जीवन को आनंदमय बनाये।
आज प्रथम दिन विशेस रूप से डीडीए के डायरेक्टर बालमुकुन्द तिवारी प्रतिभा तिवारी बिरेन्द्र मोहन उनियाल दिनेश नौटियाल कनिता हर्षुल गिरीश चन्द्र जोशी रमेश चन्द्र पाण्डेय भोला दत्त नवीन चन्द्र जोशी विनम्र दत्त जोशी निर्मला जोशी अनुप शर्मा तारा महेश मिनू भारद्वाज जगदी चन्द्र तिवारी भुवन चन्द्र तिवारी जनार्दन तिवारी हेमचन्द्र तिवारी बिटू तिवारी आचार्य मंत्री थपलियाल आचार्य तारा दत्त जोशी आचार्य सन्दीप बहुगुणा आचार्य हिमांशु मैठानी आचार्य अंकित शर्मा अनिल चमोली सुनील नौटियाल आदि उपस्थित थे।