देहरादून 20 सितंबर । बाहरी राज्यों से तस्करी कर नेहरु कालोनी क्षेत्र में अवैध शराब का गोदाम संचालित करने वाले तीन शराब तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिनके पास से 30 पेटी अंग्रेजी शराब, भारी मात्रा में अन्य सामान व एक ट्रक भी बरामद किया गया है। हालांकि मामले में एक आरोपी फरार है जिसकी तलाश जारी है। आरोपी बाहरी प्रदेशों से अवैध शराब की तस्करी कर उस पर उतराखण्ड प्रदेश के स्टीकर व मोनोग्राम लगाकर उतराखण्ड सरकार को राजस्व का चूना लगा रहे थे।
जानकारी के अनुसार बीते रोज थाना नेहरू कालोनी पुलिस को सूचना मिली कि क्षेत्र में कुछ शराब तस्कर अवैध शराब की सप्लाई हेतू आने वाले है। सूचना पर कार्यवाही करते हुए पुलिस ने क्षेत्र में चौकिंग अभियान चला दिया। इस दौरान पुलिस ने साकेत काँलोनी अजबपुर में एक यूटीलिटी वाहन को रोका और उसकी तलाशी ली गयी तो उसमें रखी 15 पेटी अवैध शराब मैकडावल बरामद हुई। पूछताछ करने पर चालक द्वारा बताया गया कि उक्त शराब की पेटियो को वह साकेत काँलोनी स्थित एक मकान से लाया है, जिस पर पुलिस टीम ने आरोपी द्वारा बताये गये मकान की घेराबन्दी कर छापेमारी की गयी तो मकान में मौजूद 2 व्यक्ति पुलिस को देख कर भागने का प्रयास करने लगे, जिन्हे पुलिस द्वारा मौके पर पकड़ लिया गया। मकान की तलाशी में पुलिस टीम को मौके से 15 पेटी अवैध शराब मैकडोवल , शराब की अलग-अलग ब्रान्डो के उत्तराखंड के स्टीकर व उत्तराखण्ड शासन के मोनोग्राम तथा अन्य सामाग्री बरामद हुई। पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम फईम पुत्र फुरकान निवासी बुड्ढी थाना मण्ड़ावली, जिला बिजनोर, उ.प्र., अहसान पुत्र शाबिर निवासी टीप, थाना मण्डावर, जिला बिजनोर, उ.प्र. व मोसिन पुत्र लियाकत निवासी नया गांव, थाना मण्डावली, जिला बिजनोर, उ.प्र. बताया। बताया कि उनके द्वारा साहिल नाम के व्यक्ति के लिए यह काम किया जाता है, वह सभी उक्त अवैध शराब को साहिल द्वारा बताए स्थानों पर सप्लाई करते है। साहिल द्वारा हरियाणा/ चंडीगढ़ से सस्ते दामों पर अलग-अलग ब्रान्डों की अवैध शराब को खरीदकर देहरादून लाया जाता है तथा उनके द्वारा उन शराब की बोतलों पर लगे अलग-अलग ब्रान्डों के स्टीकर व मोनोग्राम हटाकर उतराखण्ड राज्य के स्टीकर व मोनोग्राम लगाये जाते है, जिससे वे उक्त शराब को आसानी से उत्तराखंड में बेच सके। उक्त शराब को उनके द्वारा सब्जी की खाली कैरेट में रखकर यूटीलिटी के माध्यम से देहरादून व अन्य जनपदों में ऊचे दामों पर बेचा जाता है, जिससे उन्हे अच्छा मुनाफा हो जाता है।