लालची दरोगा ने मित्र पुलिस का दामन किया दागदार

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रुड़की 16 फरवरी । 20 लाख रुपए की खातिर एक दरोगा ने अपने साथियों के साथ मिल दृष्टिहीन महिला और उसके बेटे को मौत के घाट उतारा था। पुलिस टीम ने हत्यारोपी दरोगा सहित हत्याकांड में शामिल तीनों को गिरफ्तार कर इस हत्याकांड से पर्दाफाश किया है।
पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र डोबाल के ईमानदार एवं निष्पक्ष नेतृत्व में हरिद्वार पुलिस ने समाज को झकझोर देने वाली हकीकत से पर्दा उठाकर समाज के सामने खाकी की वह छवि पेश की है जिसमें गलत को गलत और सही को सही साबित करने में किसी भी प्रकार की लेटलतीफी, लापरवाही या गैरजिम्मेदाराना रवैये की कोई जगह नही है।आमजन की नजर से ओझल इस प्रकरण की शुरुआत झबरेड़ा क्षेत्र के एक नाले से होती है जहां एक अज्ञात युवक का शव बरामद होता है। स्थानीय स्तर पर दी गई सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने शव के पंचायतनामें की कार्यवाही करने के साथ ही युवक की पहचान के प्रयास शुरु किए।मृतक की कमीज पर अंकित टेलर के टैग/ विजिटिंग कार्ड की पड़ताल करते हुए पुलिस टीम पहले टेलर और उसके बाद मृतक के बताए जा रहे घर पर पहुंची तो जानकारी मिली कि मृतक की मां ने बीते वर्ष दिसंबर माह में उक्त मकान की रजिस्ट्री 20 लाख रुपए में कर कुछ दिन पहले ही नए मकान मालिक को कब्जा दे दिया था। कब्जा देने के बाद मृतक और मृतक की दृष्टिहीन माता कुछ अन्य लोगों के साथ वहां से चली गई थी। नए मकान मालिक से मिले संदिग्ध मोबाइल नम्बर के आधार पर मृतक की मां की तलाश की गई तो सारा मामला धीरे-धीरे खुलकर पूरी तरह से सामने आ गया। सबूतों के आधार पर पुलिस टीम ने इस हत्याकांड को अंजाम देने में शामिल पुलिस लाइन रोशनाबाद हरिद्वार में तैनात दरोगा व दो अन्य को दबोचा है। प्रकरण में अन्य की संलिप्तता की पड़ताल करते हुए पुलिस टीम पकड़ में आए हत्यारोपियों से पूछताछ के आधार पर महिला का शव बरामद करने का प्रयास कर रही है जो हत्यारोपियों के मुताबिक उन्होंने उसके बेटे के शव से अलग कहीं दूर फेंका था।
पूरा प्रकरण इस प्रकार है!
बिना पति अपने बेटे नरेन्द्र उर्फ राजा का पालन पोषण कर रही कांठ मुरादाबाद निवासी दृष्टिहीन ममता नामक महिला ने वहां की अपनी प्रॉपर्टी बेचकर रोजगार की तलाश में करीब डेढ़ साल पहले हरिद्वार का रुख किया था। प्रॉपर्टी बेचकर आए रुपयों से रोशनाबाद हरिद्वार में 1 मकान खरीदा। यहां रोजगार की तलाश के दौरान ममता पुलिस लाइन रोशनाबाद में तैनात एक दरोगा और एक अन्य व्यक्ति शहजाद के सम्पर्क में आयी। दोनों ने उसे भरोसे में लेकर प्रॉपर्टी बेचने के लिए उकसाते हुए ये आश्वासन दिया कि वो उसकी देखभाल के साथ-साथ पूरा खयाल रखेंगे। इस बात पर भरोसा कर महिला ने रोशनाबाद स्थित अपने मकान का सौदा 20 लाख रुपए में तय कर मकान बेच दिया जिसमें से एक लाख रुपए की पेमेंट होनी बाकी थी। बड़ी नगदी हासिल करने का लालच और ऊपर से दृष्टिहीन महिला के परिजनों का डर न होने के चलते दोनों हत्यारोपियों ने अपने अन्य साथियों के साथ महिला और उसके बेटे को रास्ते से हटाकर पूरी रकम ऐंठने का प्लान बना दिया और सही मौके का इंतजार करने लगे। 09 फरवरी 2024 को प्लान के मुताबिक हत्यारोपियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए वह वक्त चुना जब महिला अपने मकान का कब्जा नए मकान मालिक को देकर बचे हुए एक लाख रुपये भी ले चुकी थी। योजना के मुताबिक मां-बेटे को अपने बुलाए गए ऑल्टो कार में बैठाकर ले जाया गया और मौका मिलते ही गला घोंटकर दोनों की हत्या कर दोनो शवों को अलग-अलग स्थानों पर लावारिस हालत में फेंक दिया गया। पुलिस टीम ने बंटवारे में आयी रकम से खरीदी गई ऑल्टो कार बरामद करने के पश्चात अब हिस्से में आए शेष नगदी एवं अन्य सामान की रिकवरी के लिए विभिन्न तरीकों से प्रयास कर रही है। पकड़े गए हत्यारोपियों में शहजाद पुत्र शऱाफत निवासी ग्राम अकबरपुर झौझा थाना झबरेडा, विनोद उर्फ काला पुत्र अमर सिंह निवासी सराय ज्वालापुर, छुन्ना सिंह पुत्र भोलानाथ निवासी ग्राम राठा पोस्ट मसूदपुर थाना अछला जिला औरेया उप्र व हाल निवासी-हनुमान नगर गली नं-02 थाना ऐत्माददौला आगरा जनपद आगरा उप्र बताया है। खुलासा करने वाली पुलिस टीम में स्वप्न किशोर सिंह पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, विवेक कुमार क्षेत्राधिकारी मंगलौर, अंकुर शर्मा थानाध्यक्ष झबरेडा, उप नि नीरज रावत चौकी प्रभारी लखनौता, उप नि रविन्द्र कुमार, हेका रामवीर सिंह, हेका विकास, कानि रणवीर सिंह व एसओजी रुडकी टीम से निरीक्षक रविन्द्र शाह एसओजी प्रभारी रुडकी, उ नि रमेश सैनी, कानि अशोक, कानि रविन्द्र खत्री, कानि राहुल, कानि नितिन, कानि महिपाल आदि शामिल रहे।