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भूमि अधिग्रहण में अनियमितताओं के विरोध में धरना  किसान संघर्ष समिति ने की मांगों को पूरा करने की मांग  कलेक्ट्रेट पर दिया धरना, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन 

शामली। दिल्ली-देहरादून हाइवे किसान संघर्ष समिति ने सिक्स लेन एक्सेस कंट्रोल ग्रीन फील्ड इकोनोमी कारीडोर के निर्माण में कई गांवों से की गयी भूमि अधिग्रहण में अनियमिताओं के विरोध में डीएम को ज्ञापन सौंपकर किसानों की मांगों पर कार्रवाई करने की मांग की, साथ ही चेतावनी दी कि जब तक उक्त मांगों पर अमल नहीं होता, तब तक किसान न तो मुआवजा लेगा और न ही हाइवे का कार्य शुरू करने दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार गुरुवार को किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष ठा. वीरसिंह व सचिव चौ. विदेश मलिक ने डीएम को एक ज्ञापन देते हुए बताया कि दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून छह लेन एक्सेस कंट्रोल ग्रीन फील्ड इकोनोमी कारीडोर के निर्माण हेतु मौजा बाबरी, बंतीखेडा, भैंसानी इस्लामपुर, अब्दुल्लापुर, भाजू, भिक्का माजरा, बुटराडा, चूनसा, गोगवान, कैडी, हसनपुर लुहारी, कांजरहेडी, कासमपुर, खानपुर, खेडी पट्टी, ख्यावडी, लाडो मजर, नांगल, रायपुर, उमरपुर, लांक से अधिग्रहित की गयी भूमि में कई अनियमिताएं हैं। उन्होंने कहा कि उपरोक्त गांवांे में अवार्ड के अंदर मुआवजा राशि 2015 के सर्किल रेट के आधार पर दी गयी है जोकि काफी कम है, किसानों की मांग है कि 20 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि करते हुए दोबारा से अवार्ड किया जाए या 2015 से पहले जितनी वृद्धि पांच सालों में हुई है उतने प्रतिशत वृद्धि करके अवार्ड दिया जाए, उपरोक्त गांवों में ट्यूबवैल, मकान और वृक्षों की कीमत भी अवार्ड से ठीक नहीं दर्शायी गयी है उसका दोबारा मूल्यांकन कराया जाए, सभी प्रस्तावित किसानों की आने वाले समय की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सर्विस रोड, अंडरपास और सिंचाई हेतु नाली की सुविधा दिलायी जाए जिससे किसान हाइवे की दूसरी तरफ बचे अपने ख्ेातों पर कृषि कार्य कर सके। प्रभावित किसानों की अधिग्रहण होने वाली भूमि पर जो फसल वर्तमान में खडी है उसका उचित मुआवजा दिलाया जाए, जिन किसानों की भूमि हाइवे के दोनों तरफ बचती है उन किसानों को भूमि अधिग्रहण एक्ट 2013 के अनुसार बढाकर प्रतिकर दिलाया जाए जोकि इस अवार्ड में नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि हाइवे की वजह से किसानों को कृषि कार्य करेन में जो दिक्कत आएगी उसका समाधान करने, किसानों की जो भूमि 1000 मीटर से कम हाइवे के पास बचती है जिस पर किसान कृषि कार्य नही कर सकते, उसका अधिग्रहण इसी प्रक्रिया के तहत किया जाए। प्रभावित किसानों के परिवार के भरण पोषण और पुनर्वास एवं पुर्नस्थापना के लिए परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी या एक मुश्त धनराशि की व्यवस्था की जाए। उन्होंने डीएम से सभी समस्याओं के समाधान की मांग की, साथ ही चेतावनी दी जब तक उक्त मांगों पर कोई अमल नहीं होता तब तक कोई भी किसान न तो मुआवजा लेगा और न ही हाइवे का कार्य शुरू करने दिया जाएगा।
रिपोर्ट :- सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी जनपद शामली उ०प्रदेश।

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