निजी स्कूलों के खिलाफ यूकेडी का अल्टीमेटम सौंपा ज्ञापन

0
148

देहरादून। निजी विद्यालयों द्वारा नियम विपरीत आचरण कर छात्र-छात्राओं का मानसिक उत्पीड़न करने व अभिवावकों के आर्थिक शोषण करने के खिलाफ उत्तराखंड क्रांति दल ने शिक्षा महानिदेशालय जा धमके और वहां शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी को ज्ञापन दिया।
उत्तराखंड क्रांति दल ने चेतावनी देते हुए कहा कि जनमानस की भलाई के लिए 10 बिंदुओं की रखी गई मांग को अगले 72 घंटों में पूरा करवाएं यदि 72 घंटों में हमारी मांगे पूरी नहीं की जाती।  जनहित के लिए दल को मजबूरन आंदोलनरत होना पड़ेगा ऐसी स्थिति में दल द्वारा शिक्षा महानिदेशालय का घेराव किया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी स्वयं विभाग पर होगी। यूकेडी के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नया सत्र शुरू होते ही निजी शैक्षिक संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अभिवावकों को पाठ्यक्रम व विद्यालयी पोषाक के नाम पर लूटने का काम किया गया है। यूकेडी के केंद्रीय प्रवक्ता अनुपम खत्री ने आक्रोश जताया कि कई निजी शैक्षिक संस्थानों ने ट्यूशन फीस के नाम पर बेतहाशा बढ़ोत्तरी कर दी है। रि-रजिस्ट्रेशन और अन्य दरो के नाम पर भी इनका वसूली कार्यक्रम जारी है। यदि कोई अभिवावक ट्यूशन फीस समय से नहीं दे पाता अथवा देरी से जमा हो तो ऐसी दशा में निजी संस्थान कक्षा में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को कक्षा अध्यापक-अध्यापिका द्वारा कक्षा कक्ष में अन्य विद्यार्थियों के समक्ष लज्जित करवाते हैं और परीक्षा में न बैठाने की धमकियाँ देते हैं। यहाँ तक कि बच्चे का परीक्षा परिणाम पत्र भी रोक लेते हैं। जिस कारण उनका भविष्य खतरे में आ जाता है और अबोध छात्र/छात्राएं मानसिक उत्पीड़न का शिकार बनते हैं। यह बच्चों के लिए ही नहीं, अपितु राज्य व राष्ट्र के भविष्य हितों के लिए भी नुकसान देय है। यूकेडी की केंद्रीय महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि  विद्यालय संस्थान एक एनजीओ होती हैं। जिसका उद्देश्य मुनाफा कमाना नहीं होता, परंतु आज उत्तराखंड में स्थापित हर एक निजी शैक्षिक संस्थान आधार भूत नियमों के परे जाकर अभिभावकों का आर्थिक शोषण ही नहीं छात्रों के भविष्य से भी खिलवाड़ कर रही हैं। जो अति चिंता का विषय है। शिक्षा महानिदेशक को ज्ञापन देने वालों में राजेंद्र पन्त, उत्तरा पन्त बहुगुणा, मीना थपलियाल, मधु सेमवाल, संजय कुमार, गोविंद सिंह अधिकारी, दयानंद बजरंगी, राजेंद्र गुसाईं, सुरेंद्र यादव, मधु सेमवाल ,सरोज रावत, यशोधरा रावत, मंजू रावत, रीना घिल्डियाल, गीता शाह, रिचा खत्री ,सुमित डंगवाल आदि कार्यकर्ता शामिल थे।