महिला अधिकारों को चुनौती देने का किया जा रहा है षड्यंत्र: भट्ट

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कोर्ट मे एसएलपी खारिज होना धामी सरकार का सरहानीय प्रयास

देहरादून। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने महिला आरक्षण से संबंधित एसएलपी के सुप्रीम कोर्ट में खारिज होने पर धामी सरकार के प्रयास को प्रशंसनीय बताया है। उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति को दिए अधिकारों को लेकर लगातार न्यायालयों में चुनौती देने का षड्यंत्र किया जा रहा है, लेकिन भाजपा सरकार की मुस्तैदी से उनकी हर कोशिश विफल हो रही है।

प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में खुशी जताते हुए कहा कि बाहरी प्रदेशों की महिलाओं द्वारा राज्य की नौकरियों में आरक्षण लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से की गई एक और कोशिश धामी सरकार की मुस्तैदी से विफल हो गयी है। उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा कि सीएम श्री पुष्कर धामी की सरकार प्रदेश की आधी आबादी को उसका पूरा अधिकार दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है और हमारी सरकार मातृ शक्ति को दिए गए क्षेतिज आरक्षण को लेकर कोई कोताई नही बरतने वाली है।  मुख्यमंत्री ने सॉलिसिटर जनरल व वरिष्ठ वकील तुषार मेहता से इस मसले पर पैरवी के लिए विशेष अपील की थी। उच्चतम न्यायालय का इस एसएलपी को रिजेक्ट करना इसका ही परिणाम है। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट कर दिया है कि दूसरे प्रदेशों की महिला प्रत्याशियों को राज्य पीसीएस व अन्य नौकरियों में आरक्षण अब राज्य सरकार के कानून के चलते नही मिलने वाला है। भट्ट ने कहा कि इस निर्णय के बाद राज्य सरकार का पूरा ध्यान हाईकोर्ट के उस केस पर है जिसमें महिला आरक्षण कानून की वैधता को चुनौती दी गयी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग नही चाहते राज्य की मातृ शक्ति को आरक्षण मिले, यही वजह है कि वो पर्दे के पीछे रहकर इस प्रकरण को उलझाने में लगे हैं। उन्होंने कहा, फिलहाल मामला उच्च न्यायालय में है और विश्वास रखना चाहिए कि सरकार उच्चतम न्यायालय की तरह यहां भी अधिक मजबूती से पक्ष रखेगी। राज्यवासियों और मातृ शक्ति को चिंता करने की जरूरत नही है। फिलहाल कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण को लेकर रोक नही लगाई है और हमे विश्वास है कि हमारी सरकार बेटियों और बहिनों के अधिकार की इस लड़ाई को परीक्षाओं के परिणाम आने से पहले अवश्य पुनः जीत लेंगे।