देहरादून 28अगस्त। श्री अनुपम मुनि जी महाराज ने प्रेमसुख धाम 16 नेशनल रोड मैं कल्पसूत्र की वासनी करते हुए भगवान महावीर के जन्म प्रसंग को सुनाया। भगवान महावीर का जन्म प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भगवान महावीर का जन्म कुंडलपुर ग्राम में बिहार प्रांत में राजा सिद्धार्थ के राजमहल में रानी त्रिशला की कुक्षी से हुआ। भगवान का जन्म जन कल्याणकारी होता है इसलिए भगवान के जन्म की सारी प्रजा को बहुत खुशी हुई। राजा सिद्धार्थ ने सभी कैदियों को मुक्त किया प्रजा का कर माफ कर दिया,अपनी राजधानी में व्यापारियों के कर माफ किया,रोगी पीड़ितों का इलाज करवाया, ब्राह्मण पंडित जरूरतमंदों सभी को दान दिया, 13 दिन तक अनेक कार्यक्रम करके जन्मोत्सव मनाया गया, ।देवलोक से इंद्र और इंद्राणी 56 नंद कुमारिया 33 करोड़ देवी देवता भगवान के जन्म महोत्सव की खुशी मनाने के लिए कुंडलपुर में आए और धूमधाम से भगवान का जन्मोत्सव मनाया। भगवान का जन्म कथा प्रसंग हम सबके लिए मंगलकारी होता है कल्याणकारी होता है इसीलिए हमें भगवान के जन्म प्रसंग पर भगवान महावीर आदि सर्व भगवानों को याद करना चाहिए और उनके जन्म प्रसंग में एक दूसरे को बधाई देनी चाहिए कि भगवान महावीर का जन्म प्रसंग आप सभी के लिए मंगलकारी हो ऐसा कहना चाहिए जिससे हमारे बच्चों, हमारी भावी पीढ़ियों में भगवान के प्रति भक्ति का माहौल खुशी का माहौल भाईचारे का माहौल और प्रेम भाव का सद्भाव का माहौल बनता है। आज के पावन प्रसंग पर गुरु प्रेमसुख धाम प्रांगण में भगवान के जन्म प्रसंग पर अरविंद जैन पिंकी जैन के पौत्र को भगवान महावीर बनाकर पलने में लिटाकर झूला झूलाया गया ।भगवान के जन्मोत्सव और भगवान के जन्म प्रसंग की खुशी मनाई गई।मेरे महावीर झूले पलना जैसे मधुर भजन पर बालिकाओं ने सुंदर नृत्य किया। इस पावन प्रसंग पर रीना सिंघल और रविता जैन ने बालक बालिकाओं के माध्यम से अनेक सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए। इस पावन प्रसंग पर श्रीमती मंजू जैन जनार्दन जैन, श्रीमती शकुंतला जैन प्रमोद जैन, पिंकी जैन परिवार द्वार सभी श्रद्धालुओं को जलपान कराया गया और गौतम प्रसादी दी गई। कार्यक्रम भजन प्रस्तुत करने वाले सभी बच्चों के लिए गुरु प्रेमसुख धाम की ओर से पुरुस्कृत किया गया। इन सभी कार्यक्रमों को देखते हुए गुरु प्रेमसुख धाम ऐसा नजारा था जैसे 2600 वर्ष पूर्व कुंड ग्राम बिहार में हुआ था। कल्पसूत्र की बासनी के पावन प्रसंग पर देहरादून वासियों ने मिलकर प्रेमसुख धाम के प्रांगण में गुरुदेव श्री अनुपम जी महाराज के सानिध्य में किया अंत में सभी बच्चियों को सभी कार्यकर्ताओं को गुरुदेव श्री अनुपम मुनि जी महाराज ने आशीर्वाद दिया, गुरुदेव श्री राजेश मुनि जी महाराज ने मंगल पाठ सुना कर श्रोता जनों को मंगल आशीर्वाद दिया।