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दायित्वों को कार्य नहीं सेवा की भावना से करें निर्वहन: डीएम आर राजेश कुमार

प्रेस नोट
देहरादून दिनांक 03 जून 2022 (जि.सू.का), चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को दूरूस्त किए जाने हेतु जिलाधिकारी डाॅ0 आर राजेश कुमार द्वारा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए है। जिलाधिकारी ने ऋषिकेश भ्रमण कार्यक्रम के दौरान यात्रियों को शीतल पेयजल, बैठने, भोजन, टोकन वितरण, पंजीयन, प्रसाधन एवं सफाई आदि व्यवस्थाएं बेहतर बनाने के साथ ही यात्रियों को विश्राम स्थल पर ही टोकन वितरण किए जाने के निर्देश दिए गए थे। साथ ही विभिन्न संगठनों/संस्थानों से नवाचारी हेतु सहयोग करने की अपेक्षा की गई थी।
जिलाधिकारी डाॅ0 आर राजेश कुमार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में चारधाम यात्रा से जुड़ी प्रशासन की टीम द्वारा स्थानीय ट्रस्टी/संस्थाओं के गणमान्य के सहयोग से यात्रियों को सुव्यवस्थित रूप में निःशुल्क भोजन कराया जा रहा है। वहीं एक ट्रस्टी द्वारा मात्र 05 रू0 में यात्रियों को भरपेट भोजन कराया जा रहा है। यात्रियों को भोजन इत्यादि कराने में अनेक संस्थान एवं ट्रस्टी उत्साहित हैं, जबकि जल संस्थान द्वारा यात्रियों को सभी स्थानों में पेयजल आपूर्ति कराया जा रहा है। आईएसबीटी में पेयजल हेतु कैंपर, टैंकर, प्याऊ, आदि स्थापित कर पेयजल आपूर्ति की जा रही है। वहीं नगर निगम द्वारा आईएसबीटी परिसर में यात्रियों को बैठने हेतु बैंच आदि भी लगाये गए हैं तथा साफ-सफाई आदि कार्यों को भी सुव्यवस्थित रूप से किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने तैनात सभी अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि बाहर से आने वाले चारधाम यात्रियों हेतु समुचित व्यवस्थाओं को सुगम एवं सुव्यवस्थित बनाए ताकि किसी भी यात्री को किसी प्रकार की कोई कठिनाई ना हो इस बात को गम्भीरता से लेना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि टोकन वितरण में यह ध्यान रहे कि यात्री अपने समूह के साथ पंजीकरण करा सकें ताकि कोई यात्री समूह के साथ यात्रा कर पाए।
जिलाधिकारी ने यात्रा ड्यूटी से जुड़े सभी कार्मिकों को अपनी दायित्वों को कार्य न समझकर बल्कि सेवा की भावना से निर्वहन करने को कहा। वहीं उन्होंने विभिन्न संस्थाओं/संगठनों द्वारा चारधाम यात्रा में आए यात्रियों के साथ नवाचार अपनाते हुए यात्रियों हेतु विभिन्न व्यवस्थाएं बनाने में प्रशासन का सहयोग करने पर सभी का आभार व्यक्त किया तथा अपेक्षा की अन्य संगठन भी इस प्रकार के सेवा भाव अपनाते हुए “अतिथि देवो भव” की हमारे देश परम्परा/सभ्यता का निर्वहन करेंगे।

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