लालकुआं से हरीश के मैदान में आने के बाद बगावत के सुर रूके।

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देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के रामनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरने के बाद यहां भारी विरोध शुरू हो गया था। यहां पहले से ही तैयारी कर रहे रणजीत रावत खुद विरोध में उतरते नजर अए थे। जिसके चलते इस सीट पर भीतरघात होने की संभावनाएं बढ गयी थी। जिसके बाद लालकुंआ सीट पर डालाकोटी का टिकट काटकर हरीश रावत को दिए जाने से इस विधानसभा क्षेत्र में बगावत के सुर थम गए है। इससे पहले पूर्व मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल और 2012 में पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके कांग्रेस नेता हरेंद्र बोरा लालकुआं से टिकट न मिलने पर बगावत के मूड में थे, लेकिन हरीश रावत के यहां से चुनाव लड़ने की शर्त पर दोनों ने कंधे से कंधा मिलाकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इधर, रामनगर से रावत के चुनाव लड़ने पर रणजीत सिंह रावत समेत उनके समर्थक विरोध में आ गए थे, जिसके बाद रावत को लालकुआं से चुनाव लड़ने का फैसला करना पड़ा। हरीश रावत के पूर्व औद्योगिक सलाहकार रणजीत रावत को सल्ट से उम्मीदवार बनाया गया है।