श्री राम मंदिर दीप्लोक कॉलोनी मित्र लोक देहरादून ने सूक्ष्म व सादगी के साथ मंदिर परिसर में किया आयोजन

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देहरादून। श्री राम मंदिर दीपलोक कॉलोनी व श्री श्री जगन्नाथ जी रथयात्रा समिति, देहरादून ओडिया समाज द्वारा 24वी श्री श्री जगन्नाथ जी रथ यात्रा, का आयोजन शक्तिपुत्र पंडित सुबास चंद्र शतपथी जी के पावन सानिध्य में कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए मंदिर परिसर में ही संपन्न हुई

सूक्ष्म व सादगी के साथ मंदिर परिसर में हुआ आयोजन

आचार्य जी ने अवगत करवाया की कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए इस वर्ष 24वी रथ यात्रा का आयोजन प्रतीकात्मक रूप से मंदिर परिसर में ही सीमित श्रद्धालुओं की उपस्थिति में किया गया उन्होंने कहा कि आज सर्वप्रथम प्रातः में मंदिर में विराजमान श्री श्री जगन्नाथ प्रभु की परिवार सहित पूजा अर्चना की गई इसके पश्चात प्रभु को पहुंडी विज अर्थात अपने पैरों पर चलाते हुए मंदिर परिसर में खड़े फूलों इत्यादि से सजे वैकल्पिक सिहासन पर विराजमान किया गया इसमें सर्वप्रथम श्री सुदर्शन जी इसके पश्चात प्रभु बलभद्र जी माता सुभद्रा जी और अंत में श्री श्री जगन्नाथ जी को सिंहासन पर विराजमान किया गया वहां पर माननीय एवं आज रथयात्रा के सारथी द्वारा पूजा अर्चना की गई जिसमें प्रमुख रुप से सारथी की भूमिका में महापौर माननीय श्री सुनील उनियाल गामा जी के साथ ही वरिष्ठ विधायक माननीय हरबंस कपूर जी माननीय सूर्यकांत धस्माना जी, माननीय अशोक वर्मा जी, माननीय लालचंद शर्मा जी, अनिल वर्मा, पार्षद संगीता गुप्ता जी के साथ ही आयोजन कमेटी के सदस्यों व श्रद्धालुओं ने भगवान श्री श्री जगन्नाथ जी की पूजन सामग्री पुष्प आदि एवं माल्यार्पण कर पूजा अर्चना की और इसी के साथ सामूहिक रूप से करोना महामारी की शांति के लिए विश्व कल्याण के लिए भी प्रार्थना की गई इस अवसर पर शक्तिपुत्र पांडे सुबास चंद्र शतपथी जी ने कहा कि इस बार की यात्रा कोरोना महामारी की तत्काल शांति कोरोना योद्धाओं अमर शहीदों आदि विश्वकल्याणको समर्पित रहेगी
इस अवसर पर आचार्य जी द्वारा आए हुए माननीय वा गणमान्य का माल्यार्पण कर उनको शॉल भेंट कर उनका जोरदार स्वागत किया गया

रथ की दिव्य रस्सी को खींच कर प्रारंभ हुई यात्रा

यात्रा संयोजक संजय कुमार गर्ग ने अवगत करवाया कि इसके पश्चात माननीय गणमान्य और श्रद्धालुओं ने
जगन्नाथ की रथ यात्रा की तर्ज पर श्री श्री जगन्नाथ जी के रथ के आगे झाड़ू बुहारू कर परंपरा का निर्वहन किया गया कहते हैं यह परंपरा जहां यह यात्रा निकलती है वहां के राजा द्वारा निभाई जाती है, तीन परिक्रमा रथ की करने के पश्चात रथ के साथ बंधी दिव्य रस्सी को हरि बोल ,हरि हरि बोल, आज जुबां पर एक ही नाम जय जगन्नाथ जय जगन्नाथ जी का जोरदार जयघोष करते हुए धीरे-धीरे खींचना प्रारंभ किया इस अवसर पर भारी वर्षा भी श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं रही सभी प्रभु के दर्शन और रस्सी को खींचना चाह रहे थे धीरे-धीरे यात्रा मंदिर परिसर में ही मौसी के घर पर विश्राम किया जहां मौसी जी के घर से श्री श्री जगन्नाथ जी को श्रृंगार की सामग्री साड़ी चुनरी इत्यादि रस्म निभाते हुए भेट की, सभी का जोरदार स्वागत किया गया इस अवसर पर सभी को माल्यार्पण भी किया गया

इसके पश्चात यात्रा मंदिर परिसर में ही संपन्न हुई जहां पर भगवान श्री श्री जगन्नाथ जी की माता महालक्ष्मी जी की सभी श्रद्धालुओं व मातृशक्ति ने आरती की और हल्दी से मिले चावल प्रभु व श्रद्धालुओं पर बरसाए गए

माता महालक्ष्मी जी को मनाने के पश्चात प्रभु ने किया अपने कक्ष में प्रवेश

कहते हैं कि श्री सुदर्शन प्रभु श्री बलभद्र प्रभु माता सुभद्रा तो कक्ष में प्रवेश कर गए लेकिन जब भगवान श्री श्री जगन्नाथ जी कक्ष में प्रवेश करने लगे तो माता महालक्ष्मी जी ने उन से रुष्ट होकर कहा कि आप मुझे भ्रमण पर नहीं ले कर गए और ना ही मेरे लिए कुछ लाए हैं मैं आपको प्रवेश नहीं करने दूंगी बड़ी सुंदर और अद्भुत लीला यह श्रद्धालुओं ने देखी अंत में श्री श्री जगन्नाथ जी ने माता महालक्ष्मी जी को मनाते हुए उनको सुंदर हार पुष्प गुच्छ इत्यादि भेंट कर मनाया और वह भी अपने कक्ष में अपने स्थान पर विराजमान हो गए
प्रभु जी वा मैया की इस अद्भुत लीला को देखकर सभी श्रद्धालु भावविभोर हो गए और हरि संकीर्तन करने लगे

रहणी प्रसाद हुआ वितरण

आयोजन कमेटी द्वारा भंडारा की व्यवस्था को स्थगित कर सभी आने वाले श्रद्धालुओं को डब्बे में यात्रा का विशेष रहणी प्रसाद और मीठे चावल वितरित किए गए

वर्ष में एक बार अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए निकलते हैं श्रीं श्रीं जगन्नाथ प्रभु जी

ऐसी मान्यता है कि जो भक्त जो श्रद्धालु किसी कारणवश प्रभु के दर्शन वर्ष में नहीं कर पाता ऐसे भक्तों को दर्शन देने और अपनी प्रजा का हाल-चाल जानने के लिए ही प्रभु रथ यात्रा के रूप में भ्रमण पर निकलते हैं

निम्न माननीय एवं गणमान्य रहे उपस्थित
इस अवसर पर सर्वश्री माननीय हरबंस कपूर, माननीय सुनील उनियाल गामा, माननीय सूर्यकांत धस्माना, माननीय लालचंद शर्मा, माननीय अशोक वर्मा अनिल वर्मा संगीता गुप्ता बिना बिष्ट आदि उपस्थित रहे

इस अवसर पर सर्व श्री शक्तिपुत्र पंडित सुबास चंद्र शतपथी जी के साथ ही अध्यक्ष प्रमोद कुमार गुप्ता सचिव अनिल बांगा, उत्सव मंत्री जे0 एस0 चुग, कोषा अध्यक्ष घनश्याम वर्मा अनिल आनंद जितेंद्र सक्सेना हरमीत सिंह मुकेश अश्वनी जैन आरके गुप्ता, इंद्रजीत वाहन, एलडी आहूजा आरपी सिंघल एसपी सिंह ,मुकेश कुमार सुमित गुप्ता, बालेस गुप्ता, सिद्धार्थ बांगा, पार्षद संगीता गुप्ता, दीपक गर्ग, अरुण कुमार शर्मा ,संजय कुमार गर्ग श्री पृथ्वीनाथ महादेव जी मंदिर देहरादून और उड़िया समाज के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।