दून में बना मिग-21 दिलों की धड़कन

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2002

देहरादून:  शौर्य स्थल पर वायु सेना की वीरता के गवाह रहे मिग-21 को लगा दिया गया है। करीब 2 साल पहले मिग-21 की मांग शौर्य स्थल के लिए की गई थी। आखिरकार तमाम औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद इसे विशेष तौर पर देहरादून लाया गया है।

देश और दुनिया में एक समय अपना लोहा मनवाने वाले मिग-21 को देहरादून में भी लोग शौर्य स्थल पर देख पाएंगे। देहरादून में शौर्य स्थल को स्थापित करने के सपने के साथ ही करीब 2 साल पहले भारतीय वायु सेना से मिग-21 की मांग की गई थी। जिसके बाद सभी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए रिटायर्ड हो चुके मिग-21 को देहरादून लाया गया है।

मिग-21 लंबे समय तक भारतीय सेना का हिस्सा रहा है। देश ने अब तक जिन भी लड़ाइयों को लड़ा उसमें इस लड़ाकू विमान की अहम भूमिका रही है। भले ही अब सुखोई और राफेल जैसे हाईटेक विमान भारतीय सेना की ताकत बन गए हों लेकिन एक समय था जब मिग 21 की उड़ान के साथ ही दुश्मन देशों की धड़कनें थम जाया करती थीं।

बहरहाल, जोधपुर से लाए गए इस मिग-21 को देखकर शौर्य स्थल पर आने वाले लोग भारतीय सेना में मिग-21 के इतिहास और इसकी ताकत को जान सकेंगे।