हरिद्वारः कुंभ मेले के दौरान कोरोना जांच फर्जीवाड़े का मामला सेमने आने के बाद चल रही जांच में अब कुंभ मेला अधिष्ठान की संलिप्तता के सबूत मिले हैं।
जांच में यह भी पता चला है कि बड़ी संख्या में सरकारी पोर्टल पर कोरोना जांच के डाटा अपलोड करने, खासकर निगेटिव जांच रिपोर्ट अपलोड करने पर जिले के स्वास्थ्य विभाग ने कुंभ मेले में कोरोना जांच कर रही संबंधित जांच एजेंसी और लैब पर प्रतिबंध लगाते हुए उनके पासवर्ड और आइडी को जब्त कर लिया था। जिसे लेकर कुंभ मेला अधिष्ठान के तहत कार्य कर रहे स्वास्थ्य अनुभाग को भी पत्र लिखा था, लेकिन उसने इसे नजरअंदाज करते हुए आइडी और पासवर्ड बहाल करा दिए।
आरोप है कि यह सब आपसी मिलीभगत और किसी ऊपरी दबाव में किया गया। जांच में सामने आए इस तथ्य ने कुंभ मेला अधिष्ठान के स्वास्थ्य अनुभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है। रिपोर्ट दाखिल होने के बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
बता दें कि हरिद्वार कुंभ के दौरान हाई कोर्ट के निर्देश पर कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की बड़े पैमाने पर कोरोना जांच की गई थी। बाद में इस मामले में पंजाब के फरीदकोट से हुई एक शिकायत की पड़ताल में पता चला कि कोरोना जांच में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ है और तमाम जांच किए बिना ही उनके निगेटिव डाटा सरकारी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए।
शासन के निर्देश पर मामले की जांच सीडीओ सौरभ गहरवार की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय जांच समिति कर रही है। सीडीओ ने बताया कि जांच लगभग पूरी हो चुकी है। इस सप्ताह जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी।
हरिद्वार कुंभ कोरोना जांच फर्जीवाड़े में प्रथमदृष्टया आरोपित कंपनी मैक्स कारपोरेट सर्विसेस के मामले में चल रही जांच के दौरान वादा माफ गवाह बनने की चर्चा जोर पकड़ रही है। कहा जा रहा है कि कंपनी की ओर से यह आफर जांच समिति और जिलाधिकारी को दिया गया है। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि किसी स्तर पर नहीं हुई है।