उत्तराखंड बनेगा हेल्थकेयर स्किल डेवलपमेंट का श्रेष्ठ मॉडल सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार
पैरामेडिकल और एलाइड हेल्थ एजुकेशन में आएगी क्रांति, 10 श्रेणियों में 56 सेवाएँ शामिल

देहरादून 04 दिसंबर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुरूप उत्तराखंड में हेल्थ एजुकेशन को राष्ट्रीय मानकों के अनुसार आधुनिक, पारदर्शी और रोजगारोन्मुख बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। राष्ट्रीय आयोग National Commission for Allied and Healthcare Professions Act – 2021 के तहत उत्तराखंड राज्य सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद के गठन की प्रक्रिया को तेज करने के लिए सचिवालय में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई अहम निर्णय लिए गए।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि पर्वतीय और आपदा–संवेदनशील राज्य उत्तराखंड के लिए आधुनिक, प्रशिक्षित और प्रमाणित Allied Health Workforce का निर्माण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नई परिषद के गठन से न केवल शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि उत्तराखंड देशभर के लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्य मानव संसाधन तैयार करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
बैठक में परिषद गठन के लिए “तलाश–सह–चयन समिति” बनाने का निर्णय लिया गया, जो परिषद अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति करेगी। परिषद के संचालन हेतु प्रारंभिक बजट, कार्यालय ढांचा, तकनीकी सहायता और आवश्यक मानव संसाधन तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए गए।
वर्तमान में पैरामेडिकल शिक्षा उत्तराखंड पैरामेडिकल अधिनियम–2009 और स्टेट मेडिकल फैकल्टी के अधीन संचालित होती है। राज्य में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर 22 विषयों के पाठ्यक्रम चल रहे हैं। राष्ट्रीय अधिनियम लागू होने के बाद इन सभी को और अधिक मानकीकृत, कौशल आधारित तथा रोजगारोन्मुख बनाया जाएगा।
नए अधिनियम में 10 श्रेणियों में 56 प्रकार की हेल्थ सर्विसेज को मान्यता दी गई है, जिससे छात्रों को व्यापक करियर अवसर मिलेंगे और राज्य की स्वास्थ्य सेवाएँ और मजबूत होंगी। अधिनियम के तहत कई नए विषय भी जोड़े जाएंगे—
जिनमें पोषण विज्ञान, स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन, क्लिनिकल साइकोलॉजी, डायलिसिस तकनीशियन, एनेस्थीसिया एवं ओटी तकनीशियन, आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन प्रमुख हैं।
डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि राज्य सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद का गठन उत्तराखंड में पैरामेडिकल व एलाइड हेल्थ शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी कदम साबित होगा। इससे पाठ्यक्रम मानकीकरण, पंजीकरण और लाइसेंसिंग प्रक्रिया पारदर्शी और सरल बनेगी।
उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में उत्तराखंड “Health Education Hub” और हेल्थकेयर स्किल डेवलपमेंट का श्रेष्ठ मॉडल स्टेट बनकर उभरेगा।


