राज्यपाल ने पंतनगर में आयोजित‘श्रीअन्न महोत्सव’ में प्रतिभाग किया
राज्यपाल ने प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया

देहरादून/पंतनगर,22 अगस्त। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गुरुवार को गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर में आयोजित ‘श्रीअन्न महोत्सव’ में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया और पशु चिकित्सा प्राथमिक उपचार किट वितरित की। उन्होंने मिलेट्स के लोगो और विभिन्न प्रकाशनों का भी विमोचन किया। राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में जीर्णोद्धार किये गये गांधी हाल का लोकार्पण किया गया तदोपरान्त श्री अन्न महोत्सव में लगे स्टालों का निरीक्षण किया गया। अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि यह महोत्सव केवल कृषि का नहीं, बल्कि हमारे आहार, स्वास्थ्य, संस्कृति और जीवन दर्शन का उत्सव है। उन्होंने मिलेट्स (श्रीअन्न) को ‘सुपर ग्रेन्स’ बताते हुए कहा कि ये प्रोटीन, फाइबर और खनिजों से भरपूर होते हैं, जो इन्हें मधुमेह और मोटापे जैसी बीमारियों के लिए एक रामबाण उपाय बनाते हैं।
राज्यपाल ने उत्तराखण्ड को श्रीअन्न उत्पादन के लिए विशेष रूप से उपयुक्त बताया। उन्होंने कहा कि यहां की जलवायु, मिट्टी और परंपराएं मंडुवा, झंगोरा, कोदा और रामदाना जैसी फसलों के लिए आदर्श हैं। ये फसलें न केवल कम पानी में उगती हैं, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि करती हैं। उन्होंने भारतीय संस्कृति में भोजन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हमारे ऋषियों ने हजारों साल पहले ही आहार और स्वास्थ्य के संबंध को समझा था। राज्यपाल ने स्वस्थ जीवनशैली के लिए योग, आयुर्वेद और श्रीअन्न के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पंतनगर विश्वविद्यालय ने भारतीय सेना के साथ मिलकर सैनिकों के भोजन में श्रीअन्न को शामिल करने का समझौता किया है, जो हमारे सैनिकों की सेहत और मनोबल को बढ़ाएगा। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में श्रीअन्न उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जनरल बिपिन रावत पर्वतीय शोध निदेशालय की स्थापना की सराहना की।
कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने अपने अध्यक्षीय भाषण में अंतर्राष्ट्रीय श्रीअन्न वर्ष 2023 के अनुरूप ‘‘श्रीअन्न’’ को एक राष्ट्रीय मिशन के रूप में पुनर्जीवित करने पर जोर दिया और किसानों की आय को मजबूत करने और पोषण में सुधार के लिए श्रीअन्न आधारित उत्पादों के अनुसंधान, मूल्य संवर्धन और विपणन में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही विश्वविद्यालय की प्रगति पर भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का शुभारम्भ निदेशक शोध डॉ. अजीत नैन के स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने कार्यक्रम के उद्देश्यों और स्वास्थ्य, जलवायु और आजीविका संबंधी चुनौतियों से निपटने में श्रीअन्न आधारित कृषि प्रणालियों के महत्व पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम का एक विशेष आकर्षण निदेशक संचार डॉ. जे.पी जायसवाल, निदेशक शोध डॉ. ए.एस. नैन, डॉ. एस. के. वर्मा, डॉ. अर्चना कुशवाह, डॉ. प्रमोद मल्ल और डॉ. आर.पी.एस. गंगवार सहित प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों द्वारा लिखित विभिन्न पुस्तकों का माननीय राज्यपाल के कर कमलों द्वारा विमोचन था। पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय वो प्राध्यापक डॉ. जे. एल. सिंह द्वारा डिजाइन की गई किसानों के लिए एक प्राथमिक चिकित्सा किट, खेत में काम के दौरान उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए चयनित कृषकों को वितरित की गई। साथ ही सुनीता साह, बीना देवी, श्याम सिंह, श्याम दत्त मिश्रा और धन सिंह को कृषि में उनको उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, कर्नल ढिल्लन, कर्नल अजीत, सीएमओ डॉ. के. के. अग्रवाल, निदेशक प्रशासन एवं अनुश्रवण, नियंत्रक, कुलसचिव सहित अधिष्ठाता निदेशकगण संकाय सदस्य, किसान, जवान एवं विद्यार्थी मौजूद थे।