केंद्रीय कर्मचारियों पर संघ की गतिविधियों में शामिल होने पर लगी रोक हटाना न्यायोचित: भट्ट

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देहरादून 22 जुलाई । भाजपा ने केंद्रीय कर्मचारियों पर संघ की गतिविधियों में शामिल होने पर लगी रोक के हटने को पूर्णतया समुचित एवं न्यायोचित बताया है । प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद श्री महेंद्र भट्ट ने प्रसन्नता जताते हुए इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने वाला कदम बताया । साथ ही विपक्ष की आपत्तियों पर पलटवार किया कि अपनी सरकार के निर्णयों से देश को संकट में डालने वाली ये पार्टियां हमेशा संकट के समय देश के साथ खड़े संगठनों का विरोध करती रही है।

केंद्र की मोदी सरकार के इस निर्णय को लेकर जारी चर्चा पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्रवादी विचारों के साथ देशहित में कार्य करने वाली संस्था है । प्रत्येक भारतवासी गवाह है कि जब-जब देश एवं समाज पर कोई संकट आया तो संघ के कार्यकर्ताओं ने अपना अतुलनीय योगदान दिया है । चाहे आजादी के दौरान बंटवारे का कठिन समय हो, चाहे चीन से लड़ाई के समय देश में यातायात समेत कई व्यवस्थाओं का संचालन करना हो, चाहे उत्तरकाशी, केदारनाथ, भुज समेत देश के अनेकों स्थानों पर आई प्राकृतिक आपदा से लोगों की जान बचानी हो, चाहे कोरोना काल में लोगों की मदद करनी हो। वावजूद इसके देश तत्कालीन कांग्रेस सरकारों ने संकट के समय तो आरएसएस के संगठन का लाभ लिया, लेकिन जब खुद की सत्ता पर संकट आया तो इस राष्ट्रभक्त संस्था पर प्रतिबंध लगाया । इसी कड़ी में 1966 में भी इंदिरा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों पर संघ की गतिविधियों एवं कार्यक्रमों में सहभागिता करने पर रोक लगा दी थी ।

लेकिन आज मोदी जी के इस एक ऐतिहासिक कदम ने संघ से समाज के एक बड़े तबके की दूरी को कम करने का काम किया है । साथ ही लोकतान्त्रिक व्यवस्था को पहले से अधिक मजबूत करने में, सरकार का यह निर्णय मददगार साबित होगा । साथ ही उम्मीद जताई कि सरकारी कर्मचारी जैसे जागरूक वर्ग के सहयोग से देश में जारी जनकल्याणकारी कार्यों एवं सामाजिक सांस्कृतिक उत्थान के आंदोलन को गति मिलेगी।
उन्होंने कांग्रेस समेत विपक्ष की आपत्तियों पर पलटवार कर कहा, देश को अपने निर्णयों से संकट में डालने वाली ये पार्टियां हमेशा संकट के समय देश के साथ खड़े संगठनों का विरोध करती रही है। आरएसएस समेत अन्य राष्ट्रवादी संगठनों की खिलाफत के पीछे इनकी एक ही मंशा होती है, वर्ग विशेष का तुष्टिकरण । जिससे जनता अच्छी तरह वाकिफ है, ये लाख कोशिश कर लें लेकिन संघ के साथ देश की 140 करोड़ लोगों का भरोसा है।