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केंद्रीय विद्यालय भेल हरिद्वार में क्रोध प्रबंधन पर वर्कशॉप का आयोजन

हरिद्वार 06 मई । विद्यालय में सतत् व्यावसायिक विकास कार्यक्रम के तहत क्रोध प्रबंधन पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया । क्रोध प्रबंधन के तहत सर्वप्रथम प्राचार्य राजेश कुमार ने इस वर्कशॉप की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने शिक्षक साथियों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालय एवं कार्यालयों में शिक्षक एवं कर्मचारियों पर जब तनाव बढ़ जाता है तो उनका शरीर शारीरिक एवं मानसिक व्याधियों का केंद्र बन जाता है जिससे उनकी कार्य क्षमता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अतः क्रोध प्रबंधन द्वारा मन शांत करना आवश्यक है तथा यह ध्यान में भी रखना कि गुस्से में हम कोई अनुचित क़दम न उठा लें।
तत्पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ प्रार्थना से प्रारंभ हुआ। तत्पश्चात एन के पाठक द्वारा संस्कृत श्लोक द्वारा क्रोध के दुष्प्रभाव पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के समन्वयक श्रीमती निमिषा श्रीवास्तव पीजीटी रसायन शास्त्र एवं दीपक कुमार पीजीटी अंग्रेजी ने क्रोध प्रबंधन, क्रोध का दुष्प्रभाव तथा क्रोध प्रबंधन द्वारा निदान इत्यादि पर अपने विचार रखें। उन्होंने बताया कि क्रोध प्रबंधन एक प्रकार का परामर्श है जिससे आप अपने स्वास्थ्य, कार्य, व्यवहार या व्यक्तिगत संबंधों को प्रभावित करने वाले क्रोध के भाव को नियंत्रित कर सकते हैं।क्रोध एक प्राकृतिक भावना है जो हर किसी को प्रभावित करती है। उन्होंने यह भी बताया कि हमें क्रोध कई कारणों से आ सकता है उनमें शामिल हैं-जैसे,थका हुआ होना,भूख लगना या दर्द होना,कुछ दवाओं के प्रभाव से, अपमानित महसूस करना,खतरे में महसूस करना,यह महसूस करना कि आपको अनदेखा किया जा रहा है या गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है,आपके क्रोध में वृद्धि करता है।
क्रोध हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है । तीव्र और अनियंत्रित क्रोध स्वास्थ्य स्थितियों से जुड़ा हुआ है जैसे: उच्च रक्तचाप, माइग्रेन, अनिद्रा, त्वचा की स्थिति जैसे एक्जिमा,पाचन विकार, अवसाद एवं हृदयघात इत्यादि। अंत में श्रीमती सरिता अधिकारी प्राथमिक शिक्षिका द्वारा कुछ आसन एवं योगिक क्रियाएं सिखाई गई जिनके द्वारा क्रोध को नियंत्रित किया जा सकता है। इस प्रकार इस वर्कशॉप द्वारा शिक्षक वर्ग को क्रोध से उत्पन्न तनाव से मुक्त होना सिखाया गया।

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