देहरादून: उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय कोषाध्यक्ष व जनपद पौडी प्रभारी मोहन काला ने कहा कि उत्तराखंड राज्य 70 हजार के कर्ज में डुबो चुकी है। राज्य में बेहताशा बेरोजगारी, महंगाई उपनल, पी आर डी, आशा कार्यकर्ती एवम आंगनबाड़ी कार्यकर्ती अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रही है।
राज्य दिनों दिन कर्ज में डूब रहा है, सरकारी कर्मचारियों को बेतन देने के लिये बैंकों एवं खुले बाजार से कर्ज सरकार ले रही है। राज्य का का पर्वतीय जनपद बदहाल है।
सड़को की डामरीकरण न होना, वर्षो से अधर में लटकी सड़के, हॉस्पिटलों की दुर्दशा, रोजगार उपलब्धता न होने के कारण पर्वतीय भूभाग से पलायन तेजी से होने के कारण 900 गाँव मानवविहीन हो चुके है। भाजपा कॉंग्रेस की राज्य के लिये ये सबसे बड़ी उपलब्धि है।
यहां आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि गैरसैंण वित्त सत्र के दौरान आंदोलनकारियों एवम महिलाओं पर बर्बरता के साथ 1 मार्च 2021 को लाठीचार्ज ने मुज्जफरनगर 1994 की याद दिला दी। मातृ शक्ति का जो अपमान राज्य की भाजपानीत सरकार ने किया इसे दल बर्दाश्त नही करेगा।
राज्य सरकार गैरसैंण को जिला न बनाकर औचित्यपूर्ण निर्णय गैरसैंण मंडल की बात करना हजम नही हो रहा है। सबसे पहले मूलभूत संरचना का निर्माण किया जाना चाहिये तथा गैरसैंण को राज्य की पूर्णकालिक राजधानी घोषित करना चाहिये था। गैरसैण लाठीचार्ज त्रिवेंद्र ही नही बल्कि भाजपानीत राज्य की सरकार को उत्तराखंड की जनता आगामी विधानसभा चुनाव में उखाड़ फैकेंगी।
श्री काला ने कहा कि भाजपा ने जिस व्यक्ति को भापजा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है वह राज्य विरोधी रहा है, पर्वतीय विकास का घोर विरोधी को राज्य की कमान सौंपना स्पष्ठ दर्शाता है कि खुद भाजपा कितने राज्य विरोधी मानसिकता लेकर चलती है। ये भाजपा का चाल,चेहरा चरित्र दर्शाता है।
उत्तराखंड क्रान्ति दल मांग करता है कि भाजपा ने किस आरोप जिसमे भ्रष्टाचार का कौन से मामले एवम किन विकास विरोधी नीतियों के कारण त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाया है। प्रेस वार्ता में शांति प्रसाद भट्ट, जय प्रकाश उपाध्याय, सुनील ध्यानी, विरेन्द्र रावत, शकुंतला रावत, धर्मेंद्र कठैत, प्रकाश, विजेंदर रावत दीपक मधवाल आदि उपस्थित रहे।