उत्तराखंड की मिट्टी एवं संस्कृति करती है आगे बढ़ने को प्रेरित: तिवारी

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महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा ने किया राज्य स्तरीय कला उत्सव प्रतियोगिता का शुभारम्भ

देहरादून। भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित, प्रचारित एवं प्रसारित करने की दृष्टि से भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में मंगलवार को रिंग रोड़ स्थित किसान भवन में राज्य स्तरीय कला उत्सव प्रतियोगिता का शुभारम्भ हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा वंशीधर तिवारी ने किया।

अपने उदबोधन में महानिदेशक ने बच्चों को संगीत के महत्व को बताते हुए कहा कि जब आप संगीत से जुड़ते है तो स्वयं से जुड़ते है और स्वयं से जुड़ना ही एक प्रकार का योग है। साथ ही कुमारी अंजू राइका हरिपुर कालसी एवं मानसी नेगी का उदाहरण देकर कहा कि उत्तराखंड की इन बालिकाओं ने राष्ट्रीय पटल पर परचम फहराकर साबित कर दिया कि उत्तराखंड की मिट्टी एवं संस्कृति में बहुत दम है। कार्यक्रम में अपर राज्य परियोजना निदेशक आकाश सारस्वत ने छात्रों को नया ओज एवं जोश से प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के साथ ही जयशंकर प्रसाद की कविता के बोल अमर्त्य बीर पुत्र हो, दृढ प्रतिज्ञ सोच लो। प्रशस्त पुष्प पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो। के बोल से सदैव आगे बढ़ने के लिये प्रेरित किया। कार्यक्रम में संगीत स्वर में शास्त्रीय संगीत एवं पारस्परिक लोक गीत बालक-बालिका वर्ग में संपन्न हुए। शास्त्रीय संगीत में बालिका वर्ग में सम्पन्न हुए शास्त्रीय संगीत में राग भैरव, यमन, राग भूपाली. विहाग, भीमपलासी आदि रोगों में छात्र-छात्राओं ने प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में दिव्यांग प्रतिभागी कुमारी ज्योति जनपद नैनीताल द्वारा लोकगीत में प्रस्तुति दी। छात्रा की प्रस्तुति पर राज्य परियोजना निदेशक ने नकद पुरूस्कार दिया। कार्यक्रम का संचालन प्रशासनिक अधिकारी समग्र शिक्षा बीपी मैंदोली एवं अंजू श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम को उप राज्य परियोजना निदेशक एमएम जोशी, उप राज्य परियोजना निदेशक प्रद्युमन सिंह रावत ने भी संबोधित किया गया। कार्यक्रम में भास्कर रावत, अनूप सिंह नेगी, रिरूपमा बिष्ट, बलविन्दर कौर, ज्योति सुमन, विनोद थपलियाल, अनिल ध्यानी, महेन्द्र घिल्डियाल, विनीता बहुगुणा, सुधा ममगाई, सुमन हटवाल आदि मौजूद रहे।