*मुख्यमंत्री ने किया ‘लत‘ फिल्म का लोकार्पण*
देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में समाज में फैल रहे नशे के कुप्रभाव को कम करने से सम्बन्धित डाक्यूमेंट्री फिल्म ‘लत‘ का वर्चुअल रूप से लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने फिल्म के निर्माता एवं निर्देशक द्वारा नशे के कुप्रभाव को रोकने तथा सामाजिक जनजागरण के लिये किये गये प्रयासों की सराहना करते हुए इस प्रकार के प्रयासों को समाज के व्यापक हित में बताया है।
उन्होंने कहा कि नशे और नशे के कारोबार पर रोक लगाना हम सबकी जिम्मेदारी है। इसमें पुलिस, नारकोटिक्स विभागों के साथ सभी जागरूक नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नशे के कुप्रभाव को रोकने में लत फिल्म मददगार होगी।
फिल्म के निदेशक अतुल कुमार पाण्डेय ने बताया कि यह फिल्म लोहाघाट के एक युवा की कहानी पर आधारित है। नशे का व्यक्ति और समाज पर पडने वाले कुप्रभावों को फिल्म के माध्यम से प्रस्तुत करने का उनका प्रयास है।
‘लत’ एक पूर्व ड्रग एडिक्ट ‘अमित ढेक’ की सच्ची जीवन कहानी पर आधारित एक डॉक्यू-ड्रामा है। इस कहानी के माध्यम से हम उत्तराखंड राज्य में नशीली दवाओं की तस्करी और खपत की गंभीर अंतर्निहित समस्या का पता लगाते हैं। हम इस बात पर भी प्रकाश डालते हैं कि कैसे नशीले पदार्थ किसी व्यक्ति के दिमाग और शरीर पर हावी होते हैं और उसे अंधेरे की चादर में लपेट लेते हैं।
हालांकि ‘ड्रग्स’ के अंधेरे पक्ष को दिखाना महत्वपूर्ण है, अमित ने यह दिखाते हुए एक उदाहरण पेश किया कि अंधेरे की चादर को हटा कर प्रकाश में आना संभव है। अमित अपनी लत को पूरी तरह से छोड़ने में सक्षम था और अब अपने और अपने जीवन का पुनर्निर्माण कर रहा है। इतना ही नहीं बल्कि वह लोगों को व्यसनों को छोड़ने और अपने आसपास के लोगों को आगे आने वाले खतरे के बारे में जागरूक करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
‘लत’ का उद्देश्य हमारे समाज पर मादक द्रव्यों के सेवन के विनाशकारी प्रभावों को दिखाना है। पेडलर्स अब 5-6 साल की उम्र के बच्चों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें इस विनाशकारी चक्र में फंसा रहे हैं। ऐसे लोगों का लालच धीरे-धीरे लेकिन लगातार नई पीढ़ी को निशाना बनाकर हमें अंदर तक बर्बाद कर रहा है। मादक द्रव्यों की लत से लड़ना बहुत कठिन है लेकिन असंभव नहीं है। इस दुश्मन का सामना करने की इच्छा रखने वाले कई लोग अपने सचेत और लगातार प्रयास से इसे हराने में सक्षम हैं।
हम आशा करते हैं कि उत्तराखंड राज्य इस चुनौती का सफलतापूर्वक मुकाबला करने में सक्षम होगा और जल्द ही एक नशा मुक्त राज्य होगा। हमारा मानना है कि इस फिल्म को हमारे समाज पर एक मजबूत प्रभाव डालने के लिए व्यापक रूप से वितरित करने की आवश्यकता है। हम चाहते हैं कि फिल्म उत्तराखंड के सभी स्कूलों और कॉलेजों में प्रसारित हो, ताकि बच्चे जो अक्सर सबसे आसान लक्ष्य होते हैं, ड्रग पेडलर्स के बहकावे में ना फंसे और इस जाल के दुष्परिणामों को समझते हुए ड्रग्स को ‘ना’ कहें।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानन्द, चेयरमैन सेन्टर बोर्ड आफ फिल्म सर्टिफिकेशन प्रसून जोशी, चेयरमैन इलारा कॅपिटल राज भट्ट, चेयरमैन सी डाट भारत सरकार राजकुमार आदि उपस्थित थे।
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