मुख्यमंत्री धामी की उच्चस्तरीय समीक्षा—“एक जिला–एक मेला”, आध्यात्मिक गाँव, पर्यटन व सुरक्षा पर अधिकारियों को बड़े निर्देश

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को राज्य के जिलाधिकारियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से व्यापक समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने राज्य के विकास कार्यों की प्रगति, जन शिकायतों के त्वरित निस्तारण, प्रशासनिक सुधार, सुरक्षा व्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री ने राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती पर आयोजित सफल कार्यक्रमों के लिए अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए मार्गदर्शन से विकास की दिशा और अधिक स्पष्ट हुई है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनाने के विज़न पर जोर देते हुए ‘एक जिला–एक मेला’ अभियान को राज्य की सांस्कृतिक व आर्थिक समृद्धि से जोड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि चयनित मेलों को राजकीय मेला घोषित किया जाएगा। आयोजक पूर्व की भांति बने रहेंगे, जबकि राज्य सरकार सहयोग व संरक्षण प्रदान करेगी। इससे स्थानीय संस्कृति, कला, शिल्प, आर्थिक गतिविधियों और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने घोषणा की कि प्रत्येक ब्लॉक में एक गाँव को “आध्यात्मिक गाँव” के रूप में विकसित किया जाएगा, जहाँ योग, आयुर्वेद, ध्यान, मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम और प्राकृतिक चिकित्सा की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी। यह पहल स्वास्थ्य, आध्यात्मिक पर्यटन और ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
मुख्यमंत्री ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा की और सीमांत गाँवों में होमस्टे, उद्यानिकी, कृषि, सौर ऊर्जा तथा पर्यटन गतिविधियों की नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश दिए। उन्होंने हर सीमांत गांव को पर्यटन आकर्षण केंद्र के रूप में विकसित करने और शीतकालीन चारधाम यात्रा की तैयारियाँ तेज करने के निर्देश दिए। जीएमवीएन और केएमवीएन को शीतकालीन सीज़न के लिए विशेष छूट पैकेज तैयार करने को कहा गया।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को सीएसआर फंड का उपयोग जनहित के कार्यों में प्रभावी रूप से करने के निर्देश दिए। उन्होंने शीतकालीन मौसम में प्रमुख स्थानों पर अलाव, रेन बसेरा, बर्फ हटाने की व्यवस्था और चारधाम यात्रा मार्गों पर कचरा निस्तारण पर विशेष ध्यान देने को कहा।
मुख्यमंत्री ने जीआई टैग वाले उत्पादों को निर्यात योग्य बनाने व प्रत्येक जिले में पर्यटन स्थलों के विकास के लिए विस्तृत योजना तैयार करने को कहा। साथ ही बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और प्रमुख मार्गों की सफाई, उद्यानिकी और हरित क्षेत्र विकास को प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए।
सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री ने जिला स्तर पर नियमित सत्यापन अभियान चलाने, सीमा क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाने, प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने और शहरों में सीसीटीवी कैमरों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। नशा समस्या वाले क्षेत्रों में भी विशेष निगरानी और डीजीपी के मार्गदर्शन में नशा मुक्ति अभियान के लिए समर्पित टीम बनाने की बात कही।
उन्होंने सड़क पर घूमते बेसहारा पशुओं के प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाओं की नियमित मॉनिटरिंग, भूमि अतिक्रमण रोकने और बागवानी विकास पर भी निर्देश जारी किए। जिलाधिकारियों को द्वाराहाट (अल्मोड़ा), श्यामलाताल–देवीधूरा (चंपावत) सहित विभिन्न क्षेत्रों में स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की संभावनाओं का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राज्य में बढ़ते यातायात जाम की समस्या का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने और सभी सड़कों को गड्ढा-मुक्त बनाने के कड़े निर्देश दिए। सड़क मरम्मत की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी रखने, बार–बार खराब होने वाले क्षेत्रों की पहचान कर कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया।
मुख्यमंत्री ने पिछले तीन वर्षों में बने स्थायी निवासी प्रमाण पत्रों की जांच कर गलत प्रमाण पत्र जारी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए।
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, एडीजी अभिसूचना व सुरक्षा अभिनव कुमार, कुमाऊँ मंडल आयुक्त दीपक रावत सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।



