कुंभ 2027 तैयारियों की समीक्षा, धामी बोले– श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता

देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेला 2027 को दिव्य और भव्य रूप से आयोजित करना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि कुंभ से संबंधित सभी स्थायी प्रकृति के कार्य अक्टूबर 2026 तक हर हाल में पूरे कर लिए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर वर्गीकृत कर विभागीय समन्वय के साथ तेजी से पूरा किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि मास्टर प्लान में सभी सेक्टर, मार्ग, पार्किंग, घाट और कैम्प स्थलों को स्पष्ट रूप से चिन्हित किया जाए। इसके अनुरूप आवश्यक भूमि का अधिग्रहण और अस्थायी उपयोग सुनिश्चित किया जाए। भीड़ के दबाव को कम करने के लिए नए घाटों का निर्माण, कांगड़ा घाट का विस्तार और मौजूदा घाटों की मरम्मत समय से पूरी कर ली जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मेला सकुशल सम्पन्न कराने के लिए सरकारी भूमि और सड़कों पर से अतिक्रमण सख्ती के साथ हटाया जाए।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने यूआईआईडीबी द्वारा गंगा कॉरिडोर में चल रहे कार्यों को प्राथमिकता पर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने बहादराबाद–श्यामपुर बाईपास का निर्माण शीघ्र पूरा करने को कहा, ताकि इसका अधिकतम लाभ कुंभ के दौरान मिल सके। इसी प्रकार श्यामपुर, गैंडीखाता और चंडीघाट क्षेत्र में विशेष टेंट लगाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने को कहा गया। कुंभ क्षेत्र में यातायात और पार्किंग व्यवस्था सुदृढ़ की जाए, पार्किंग दूर होने पर शटल सेवा की व्यवस्था पर विचार किया जाए तथा आंतरिक मार्गों को समय पर ठीक किया जाए, जिससे स्थानीय निवासियों को भी सुविधा मिल सके। मंसा देवी और चंडी देवी पैदल मार्ग के सुदृढ़ीकरण का कार्य भी समय से पूरा करने के निर्देश दिए गए।
श्रद्धालुओं की सुविधा और स्वच्छता व्यवस्था पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ठोस कचरा अपशिष्ट प्रबंधन के लिए *जीरो वेस्ट कॉन्सेप्ट अपनाया जाए। कुंभ क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में डस्टबिन, रीसाइक्लिंग सिस्टम और मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था की जाए। महिला श्रद्धालुओं के लिए पिंक टॉयलेट और चेंजिंग रूम की भी पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। घाटों और गंगा तटों पर 24 घंटे सफाई व्यवस्था हो और हरकी पैड़ी में आरती व बैठने की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कुंभ के दौरान सुरक्षा इंतजाम सर्वोच्च प्राथमिकता पर हों। भीड़ प्रबंधन, ट्रैफिक कंट्रोल और पार्किंग व्यवस्था के साथ ही पार्किंग स्थलों पर सभी मूलभूत सुविधाएं दी जाएं। प्रत्येक घाट पर लाइफगार्ड, सुरक्षा रस्सी और मोटर बोट की व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि श्रद्धालु उत्तराखंड से अच्छे अनुभव लेकर जाएं। इसके लिए यात्रियों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए और कार्मिकों को अभी से प्रशिक्षण दिया जाए।
स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में अस्थायी अस्पताल, एम्बुलेंस और मोबाइल चिकित्सा दल की व्यवस्था हो। मेला प्रबंधन में आईटी और डिजिटल सेवाओं का अधिकतम उपयोग किया जाए। श्रद्धालुओं को रियल-टाइम सूचना देने के लिए मोबाइल ऐप, हेल्पलाइन और सूचना केंद्र स्थापित किए जाएं। साथ ही, मुख्य सचिव को कुंभ मेला तैयारियों की समीक्षा हर 15 दिन में करने के निर्देश भी दिए गए।
इस अवसर पर बैठक में विधायक श्री मदन कौशिक, श्री प्रेमचंद अग्रवाल, श्री आदेश चौहान, श्रीमती रेनू बिष्ट, श्री रवि बहादुर, श्रीमती अनुपमा रावत, मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, डीजीपी श्री दीपक सेठ, प्रमुख सचिव श्री आरके सुधांशु, श्री एल फेनई, श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री नितेश झा, डॉ पंकज पांडेय, डॉ आर राजेश कुमार, श्री धीराज सिंह गर्ब्याल, श्री युगल किशोर पंत, मेलाधिकारी श्रीमती सोनिका सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। वर्चुअल माध्यम से गढ़वाल कमिश्नर श्री विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल श्री राजीव स्वरूप एवं संबंधित जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भी बैठक से जुड़े।