भ्रम फैलाने की अपेक्षा कांग्रेस को सुझाव और चर्चा मे शिरकत की जरूरत
देहरादून 19 फरवरी। भाजपा ने कैबिनेट द्वारा भू कानून संशोधन विधेयक की मंजूरी पर खुशी जताते हुए इसे जनता से किया गया एक और वायदा पूर्ण करने वाला बताया है।
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने मीडिया को दी प्रतिक्रिया मे मुख्यमंत्री धामी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह ठोस कदम राज्य के भू संसाधनों और मूल स्वरूप के संरक्षण को लेकर हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने सख्त भू कानून निर्माण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। भट्ट ने कहा कि भाजपा राज्य निर्माण से लेकर उसके चौमुखी विकास के प्रति कटिबद्ध रही है। जिसमें प्रदेश की संस्कृति और उसके मूल स्वरूप को बरकरार रखना सर्वोपरी है। उसमें भी राज्य के सीमित भू संपदा और संसाधनों के संरक्षण को लेकर हमारी सरकारें हमेशा प्रयास करती रही हैं। जनसामान्य की भावना और प्रदेश की जरूरत समझते हुए भाजपा ने विधानसभा चुनावों में कठोर भू कानून लाने का संकल्प लिया था। जिसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार में आते ही इस मुद्दे पर उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था। जिसने इस कानून से जुड़े प्रदेश के सभी हितधारकों से विचार विमर्श कर अपनी रिपोर्ट तैयार की। जिसके कानूनी, प्रशासनिक एवं व्यवहारिक सभी पहलुओं की विस्तृत समीक्षा की गई। तदोपरांत सीएम ने जनता से बजट सत्र में सदन के पटल पर इसको प्रस्तुत करने का संकल्प किया। इसी क्रम में आज कैबिनेट ने भू कानून संशोधन विधेयक को मंजूरी दी है और इसे अब सदन में चर्चा के लिए रखा जाएगा। बतौर पार्टी कार्यकर्ता हम सबके लिए बेहद प्रसन्नता और गर्व का विषय है कि मुख्यमंत्री ने पार्टी के चुनावी संकल्प पत्र के एक और अहम वादे की पूर्ति दिशा में निर्णायक कदम बढ़ाए हैं।
उन्होंने उम्मीद जताई कि सदन में चर्चा के बाद जब यह कठोर भू कानून अस्तित्व में आएगा तो यह राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा मैं अहम भूमिका निभाएगा।
भट्ट ने भू कानून को लेकर भ्रामक दुष्प्रचार के लिए कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के प्राकृतिक भू संसाधनों की दुर्गति करने के लिए वह सर्वाधिक जिम्मेदार है। कांग्रेस जब सरकार में आयी तो उसने संसाधनों को लूट कर राज्य के मूल स्वरूप को बिगड़ने का पाप किया। लिहाजा जब हम इस समस्या के निदान हेतु संशोधन कानून लेकर आए हैं तो वह अड़ंगा डालने की मंशा से झूठ और भ्रम फैला रहे हैं।
उन्होंने विपक्ष के सभी विधायकों से अपील की कि सदन के अंदर उनके पास इस मुद्दे को लेकर सकारात्मक चर्चा करने का अवसर हैं। लिहाजा बाहर राजनीतिक बयानबाजी करने के बजाय उन्हें अपने ठोस तथ्यों और उचित तर्कों के साथ चर्चा में शामिल होना चाहिए। ताकि अंतिम स्वरूप में जब यह कानून सामने आए तो जनसामान्य की भावनाओं और राज्य के संरक्षण की संतुष्टि करने वाला हो।