शामली। जनपद की ऊन तहसील में चौसाना चौकी क्षेत्र के ऊदपुर गांव के नजदीक ईंट भट्टे के पास 20-21 जनवरी की मध्य रात्रि मेरठ की एसटीएफ और मुस्तफा कग्गा गैंग के बीच एक भीषण मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में गैंग का प्रमुख सदस्य अरशद समेत चार अपराधी मारे गए। मारे गए अपराधियों में अरशद, मंजीत, सतीश और एक अज्ञात व्यक्ति शामिल था। पुलिस कर्मियों ने बताया कि अरशद पर ₹1 लाख का इनाम घोषित था और वह सहारनपुर के बेहट थाने में दर्ज एक डकैती के मामले में वांछित था। अरशद का आपराधिक इतिहास बहुत ही कुख्यात था, उस पर डकैती, हत्या, लूट और अन्य गंभीर अपराधों के कुल 17 मामले दर्ज थे। अरशद सहारनपुर के गंगोह थाना क्षेत्र के बढ़ी माजरा गांव का निवासी था, और उसका नाम कई जिलों में अपराध रिकॉर्ड में शीर्ष पर था। एसटीएफ टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि अरशद अपने साथियों के साथ झिंझाना थाना क्षेत्र के बिडोली से गुजरने वाला है। पुलिस ने तत्परता से घेराबंदी की और उसे रोकने का प्रयास किया। इस दौरान अपराधियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी मोर्चा संभाला। लगभग आधे घंटे तक चली इस मुठभेड़ में अरशद और उसके तीन साथी घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल भेजा गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मुठभेड़ में एसटीएफ टीम के इंस्पेक्टर सुनील को गंभीर चोटें आईं, उन्हें कई गोलियां लगीं। उन्हें पहले करनाल के अमृतधारा अस्पताल में भर्ती कराया गया, बाद में गंभीर हालत में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल रेफर किया गया। एसटीएफ अधिकारियों ने इस मुठभेड़ को कानून-व्यवस्था की दृष्टि से एक बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा कि अरशद जैसे खतरनाक अपराधी का खात्मा उत्तर प्रदेश सरकार की अपराध मुक्त प्रदेश बनाने की नीति का अहम हिस्सा है।
अरशद की मौत से मुस्तफा कग्गा गैंग को एक बड़ा झटका लगा है, और पुलिस अब अन्य वांछित अपराधियों की तलाश में जुटी हुई है।
रिर्पोट : सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।