शामली,झिंझाना। चौसाना-बिडौली मार्ग पर ओवरलोड डंपरों की बेलगाम रफ्तार और लापरवाही के चलते हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रेत से लदे इन भारी-भरकम डंपरों के पास नंबर प्लेट तक नहीं होती, फिर भी ये सड़कों पर बेखौफ दौड़ते हैं। पहले डंपर रात के अँधेरे में चलते थे लेकिन अब तो दिन में ही सरेआम सड़कों पर दौड़ रहे हैं,तेज रफ्तार के चलते सड़कें टूट रही हैं और लोगों की जान को हर पल खतरा बना हुआ है। ये हाल केवल यहां का ही नहीं है बल्कि जनपद में वैध पट्टों की आड़ में रात दिन अवैध रेत खनन चल रहा है। बड़ी बड़ी मशीनों से रात दिन यमुना का सीना छलनी किया जा रहा है। रात्रि में बड़ी लाइटों के जाल से रेत खनन देखा जा सकता है। मंडावर व बिडौली में रात को भी खनन होते हुए देखा जा सकता है। जिला प्रशासन इस ओर से अनभिज्ञ व उदासीन रुख लिए हुए है जिससे शासन को बड़े पैमाने पर राजस्व की हानि करते हुए चूना लगाया जा रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता और लापरवाही से यह समस्या बढ़ती जा रही है। अरविन्द राठी, रणकुमार, कुलदीप, अशोक और किरसन जैसे स्थानीय निवासी बताते हैं कि इन डंपरों की बेकाबू रफ्तार से कई बार स्कूल वाहनों और पैदल यात्रियों के साथ गंभीर हादसे होते-होते बचे हैं। प्रशासन के पास समाधान के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। एआरटीओ शामली, रोहित राजपूत ने पुलिस बल की कमी और डंपर चालकों को समय पर सूचना मिलने की समस्या को स्वीकार किया है। हालांकि, स्थानीय लोगों का मानना है कि प्रशासन की चुप्पी इन डंपर चालकों को बेखौफ बना रही है।
क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान हो। उनकी मांग है कि बिना नंबर प्लेट के चल रहे डंपरों पर तुरंत कार्रवाई की जाए और सड़क की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। निवासियों का कहना है कि यह केवल गड्ढों या खराब सड़कों का मामला नहीं है, बल्कि लोगों की जान बचाने का सवाल है।
रिर्पोट : सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।