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जिले में बढ़ने लगी शिवभक्त कांवडियों की संख्या, बूंदाबांदी के बीच शिव चौक पर भगवान शिव की प्रतिमा की परिक्रमा कर बढ़ रहे आगे

शामली। हरिद्वार से कांवड़ और गंगाजल लेकर आने वाले शिवभक्तों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। कांवड़ियों की बढ़ती संख्या से शहर शिवमय हो गया और हर तरफ बम-बम भोले के जयकारे गूंजने लगे हैं। शुक्रवार को भी बूंदाबांदी के बीच शिवभक्त भगवान भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए अपने गंतव्य की ओर बढ़ते रहे।
सावन मास की कांवड़ यात्रा में दिन प्रतिदिन बाबा भोले के भक्तों की संख्या बढ़ रही है। पिछले कई दिनों से कम ही संख्या में कांवड़िए शहर से गुजर रहे थे लेकिन शुक्रवार को काफी संख्या में शिवभक्त शामली से होकर गुजरें कांवड़ियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन भी मुस्तैद हो गया है। शहर में हर तरफ बाबा के भक्तों केसरिया रंग नजर आ रहा है। पूरा शहर शिवमय हो गया। हर तरफ बम-बम भोले के जयकारे व भोले के भजनों से माहौल भक्तिमय बना हुआ है। कांवड़िए भारी संख्या में शहर से गुजरते हुए अपने गंतव्य की ओर बढ़े चले जा रहे हैं। कांवड़ियों की संख्या बढ़ने के साथ ही कांवड़ मार्ग को पूरी तरह से खाली कराया जा रहा है जिसके लिए नगर पालिका कर्मचारी लगे हुए हैं। मुख्य मार्ग पर कांवड़ियों के लिए रस्सी डालकर अलग मार्ग की व्यवस्था की गयी है ताकि शिवभक्तों को कोई परेशानी न हो। शुक्रवार की सुबह मौसम के खराब होने व बूंदाबांदी होने से कांवड़ियों को काफी राहत मिली, हालांकि बूंदाबांदी थमने के बाद पैदा हुई उमस की परवाह किए बिना कांवड़िए भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए निरंतर आगे बढ़ते रहे।
कोई संतान तो कोई नौकरी के लिए लाया कांवड
कई सालों से संतान न होने व नौकरी की इच्छा के साथ शिवभक्त कांवड लेकर आ रहे हैं। हरियाणा के विकास ने बताया कि उनकी शादी को सात साल का समय हो गया है लेकिन अभी तक उनका आंगन बच्चे की किलकारियों से महरूम है, वे भगवान भोलेनाथ से संतान की इच्छा मन में लिए हरिद्वार से पैदल कांवड लेकर जा रहे हैं ताकि भगवान उनकी इच्छा को पूरा कर सकें और उनके आंगन में भी किलकारी गूंजे। वहीं हरियाणा के ही सुनील ने बताया कि काफी प्रयास करने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही है इसलिए वे हरिद्वार से पैदल कांवड ला रहे हैं। उनकी भोलेनाथ में अटूट श्रद्धा है और उन्हें विश्वास है कि जल्द ही उन्हें नौकरी मिल जाएगी।

रिर्पोट: सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।

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