देहरादून 14 मई । देशभर में केडिट कार्ड के नाम पर फर्जी कॉल कर उनसे धोखाधड़ी किये जाने की घटनाओं का खुलासा करते हुए एसटीएफ द्वारा गैंग के सरगना को हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसके पास से साईबर ठगी में प्रयुक्त 6 मोबाइल सहित अन्य सामान भी बरामद किया गया है। गैंग द्वारा अब तक कई राज्यों के लोगों से 22 घटनाओं में लाखों रूपये की ठगी को अंजाम दिया गया था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि विगत कुछ समय से देशभर में केडिट कार्ड के नाम पर फर्जी कॉल कर उनसे धोखाधड़ी किये जाने की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा था। जिस पर एसटीएफ द्वारा विभिन्न वेब पोर्टलो का अवलोकन करने पर पाया कि केडिट कार्डस व अन्य माध्यमों से आम जन मानस को धोखा देकर आनॅलाईन ठगी कर लाखों रूपये हड़पने की 22 घटनाओं में जो गिरोह संलिप्त है, वह वर्तमान में जनपद हरिद्वार क्षेत्रार्न्तगत् थाना सिडकुल में सक्रिय है। जिस पर एसटीएफ द्वारा इस गिरोह के सदस्यों को चिन्हित किया गया। जिनके द्वारा संदिग्ध बैंक खातों में राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बंगाल और देशभर के अन्य राज्यों से अलग अलग लोंगो के बैंक एकाउन्ट से पैसा गिरोह के खातो में निरन्तर स्थानान्तरित किया जा रहा था जो लगभग 70 लाख रूपये है। जिस पर एसटीएफ ने एक सूचना के आधार पर बीती शाम गिरोह के सरगना को मोहल्ला रामनगर, ग्राम रावली महदूद थाना सिडकुल हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया है। जिसका नाम विपिन पाल पुत्र बृजपाल है। जिसके पास से 6 मोबाईल फोन,1 कम्प्यूटर मोनिटर, 1 सीपीयू, 14 डेबिट कार्ड, 3 रजिस्टर व 1 आईसीआईसीआई बैंक की चेकबुक, 1 फीनो पेमेंट बैंक की पीओएस मशीन बरामद हुयी है। जिसने पूछताछ मेें बताया कि वह हरिद्वार में वर्ष 2017 से रह रहा है, मूल रूप से ग्राम पिंडोरा जिला शामली का रहने वाला है। वह 10वीं पास है तथा पिछले कई सालों से केडिट कार्ड, इंश्योरेंस एवं विभिन्न लोन दिलाने के नाम पर फोन के माध्यम से काल कर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहा है। उसके साथ इस काम में 11 व्यक्ति एक गिरोह बनाकर ऑनलाइन ठगी का कार्य कर रहे थे। सभी को अलग अलग काम दिया गया था। उसने बताया कि उसने ठगी से प्राप्त धन से रामनगर रावली महदूद में ही अपने घर के पास ही एक दो मंजिला नया घर खरीदा गया है तथा फर्जी कॉल करने के लिये एक आफिस ब्रहमपुरी बाजार में खोला गया है। बहरहाल एसटीएफ द्वारा गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।