लोकसभा निर्वाचनः इस बार हथियार नहीं होंगे जमा

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देहरादून। चुनाव की तारीख घोषित होते ही जिला प्रशासन लाईसेंसी हथियारों को जमा करने के आदेश दे देता था। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। हाईकोर्ट में जनहित याचिका डाले जाने के बाद जिला व पुलिस प्रशासन ने अपने कदम पीछे कर लिये हैं और इस बार हथियार जमा नहीं होंगे।
जब भी चुनावी बिगुल बजता है तो जिला व पुलिस प्रशासन चुनावी प्रक्रिया को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने के लिए कई कदम उठाते हैं। जिनमेें से एक कदम लाईसेंसी हथियारों को थानों में जमा कराने की प्रक्रिया भी शुरू की जाती है। इसके साथ ही क्षेत्र के असामाजिक तत्वों पर भी 107व 116 सीआरसीपी, गुुण्डा एक्ट सहित विभिन्न कार्रवाही अमल में लायी जाती हैं। पुलिस द्वारा एक लाईन से सभी लोगों के हथियार जमा करने के आदेश दे दिये जाते हैं। जबकि होना यह चाहिये कि जिसने अपने लाईसेंसी हथियार का दुरूपयोग किया हो, या जो कोई हिस्ट्रीशीटर बदमाश हो, या फिर जिसके द्वारा चुनाव प्रक्रिया में व्यवधान उत्पन्न किया जाता है ऐसे व्यक्तियों के हथियार जमा होने चाहिए लेकिन इसमें सम्मानित लोगों को भी इस परिधि में लाना कहां तक न्यायोचित है।
इस बार देहरादून निवासी सुमेन्द्र सिंह बोहरा ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका डाली। कोर्ट द्वारा निर्वाचन आयोग व जिला प्रशासन से आख्या मांगी गयी। और सुनवायी के लिए चार अप्रैल की तिथि निहित की गयी। जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि देहरादून में निर्वाचन के दौरान शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित किये जाने हेतू तथा चुनाव बूथों की सुरक्षा के दृष्टिगत शस्त्रोें को जमा कराये जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही की जाती है। निर्वाचन आयोग के द्वारा समय समय पर जारी निर्देशों के क्रम में जनपद स्तर पर शस्त्र जमा कराये जाते हैं।
हाईकोर्ट में जनहित याचिका डाले जाने के बाद हाईकोर्ट द्वारा निर्वाचन आयोग व जिला प्रशासन से आख्या मांगे जाने के बाद निर्वाचन आयोग व जिला प्रशासन के द्वारा स्वंय ही निर्णय लिया गया कि जिन लोगों से चुनाव प्रक्रिया को खतरा दिखायी देता है उनके ही शस्त्र जमा कराये जाये अन्यथा किसी को परेशान न किया जाये। जबकि गत दिवस संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती नमामि बंसल ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक जिला प्रशासन ने 10 हजार 900 शस्त्र जमा करा लिये गये हैं। श्रीमती नमामि बंसल द्वारा बताये गये जिन 10 हजार 900 व्यक्तियों के शस्त्र जमा कराये गये है क्या यह सभी वह लोग हैं जिनसे निर्वाचन प्रक्रिया को खतरा महसूस हो रहा है। अगर ऐसा है तो इतनी संख्या में जनपद में ऐसे लोगों का रहना अपने आपमें खतरे की बात है। लेकिन अब यह तो तय हो गया है कि इस बार चुनाव के दौरान जनपद में हथियार जमा नहीं होंगे।