स्वास्थ्य विभाग को शीघ्र मिलेंगे 76 एमबीबीएस डॉक्टर

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श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से पास आउट हुआ वर्ष 2016 का एमबीबीएस बैच
एक वर्ष की इंटर्नशिप के बाद राजकीय अस्पतालों में मिलेगी तैनाती
नए डॉक्टर के आने से चारधाम यात्रियों को भी मिलेगी बेहतर चिकित्सा सुविधा

श्रीनगर/देहरादून। सूबे में स्वास्थ्य सेवाएं लगातार मजबूत हो रही है। इसी क्रम में  शीघ्र ही स्वास्थ्य विभाग को 76 एमबीबीएस डॉक्टर मिलने जा रहे हैं, जोकि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई के साथ जूनियर डॉक्टर के तौर पर एक साल का प्रशिक्षण पूरा कर चुके हैं। इन सभी डॉक्टरों को प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा इकाइयों में तैनाती दी जायेगी, जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था और अधिक बेहतर होगी साथ ही प्रदेश में चल रही चार धाम यात्रा में यात्रियों को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवा सुलभ हो सकेगी।
राजकीय मेडिकल कालेज श्रीनगर ने वर्ष 2016 बैच के प्रशिक्षित 76 बॉडधारी एमबीबीएस डॉक्टरों की सूची सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशक को भेज दी है। जहां से इन सभी एमबीबीएस डॉक्टरों को प्रदेश की विभिन्न चिकित्सा इकाइयों में तैनाती दी जाएगी। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज प्रत्येक वर्ष प्रदेश को एमबीबीएस डॉक्टर दे रहा है। इस वर्ष  भी मेडिकल कॉलेज से 76 एमबीबीएस डॉक्टर प्रदेश को मिलने जा रहे हैं। एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद एक वर्ष की इंटर्नशिप व जूनियर डॉक्टर के तौर पर सेवा देने के उपरांत अब इन डॉक्टरों को स्वास्थ्य विभाग प्रदेशभर के विभिन्न चिकित्सालयों में तैनाती देगा।  जिससे प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी दूर होगी साथ ही आम लोगों को चिकित्सकीय लाभ मिलेगा। यहीं नहीं चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव वाले जिले टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग जिलों के अस्पतालों में डॉक्टर मिलने से चारधाम यात्रा के दौरान चिकित्सा सेवा सृदृढ़ होगी। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने बताया कि मेडिकल कॉलेज से 76 डॉक्टरों को प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में तैनाती देने हेतु इनकी सूची चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण को प्रेषित कर दी है। जहां से डॉक्टरों को अस्पताल आंबटन होगे। विभागीय मंत्री डा. धन सिंह रावत का कहना है कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरस्त करने के लिए सरकार प्रयासरत है। प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों से प्रशिक्षित डॉक्टरों को प्रदेशभर के चिकित्सा इकाइयों में तैनात किये जा रहे हैं। जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुदृढ़ हुई है।