देहरादून में धर्म रक्षा के नाम पर अराजकता की सीमा पार – आरूषी सुंद्रियाल

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भाजपा शासनकाल में बढ़ रही धार्मिक असहनशीलता- आरूषी सुंद्रियाल

एमबीबीएस 2018 बैच के छात्रों पर हुए हमले पर यूथ कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता आरुषि सुंद्रियाल का बयान

देहरादून 16 मार्च । धरने पर बैठे एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज 2018 बैच के छात्रों पर हुए गंभीर हमले के विरोध में यूथ कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता आरुषि सुंद्रियाल ने बयान जारी कर कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि एसजीआरआर कॉलेज के फाइनल ईयर एमबीबीएस छात्रों द्वारा पूरी फीस जमा किए जाने के बावजूद कॉलेज प्रबंधन द्वारा अतिरिक्त 37 लाख रुपए अत्यधिक मांगे जा रहे हैं। यह रकम जमा ना करने के कारण छात्रों का रिजल्ट रोक दिया गया है तथा कॉलेज द्वारा जो इंटर्नशिप छात्रों को दी जाने थी वह भी नहीं दी जा रही है। इस मामले में कॉलेज प्रबंधन द्वारा कोर्ट से एक तरफा फैसला भी लाया जा चुका है परंतु उस मुकदमे में छात्रों की ओर से पैरवी किए जाने का समय भी नहीं दिया गया। बड़े-बड़े रसूखदार लोगों के लिए मनमाने आदेश जारी करवाना इस देश में कहां बड़ी बात है। इस तानाशाही से नाराज छात्र धरने पर बैठे हुए थे जहां दरबार साहिब मैं हो रहे झंडा जी महोत्सव में शामिल होने आए श्रद्धालुओं ने एमबीबीएस छात्रों पर भीषण हमला बोल दिया। सुनने में आ रहा है कि श्रद्धालुओं को जानबूझकर धार्मिक ध्रुवीकरण कर हमला करने के लिए उकसाया गया था। इस हमले में कई छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं। छात्रों ने इस मामले में कोर्ट जाने का निर्णय भी लिया है परंतु रिजल्ट में हो रही देरी छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। धर्म की आड़ में हो रही लूट-खसोट पर शासन प्रशासन को गंभीर होने की आवश्यकता है।
भाजपा के शासनकाल में देशभर में धार्मिक असहनशीलता बढ़ती हुई नजर आ रही है। बाहर से आए लोगों का अकारण ही भड़क कर हमारे शहर में पढ़ रहे छात्रों पर हमला कर देना कोई साधारण घटना नहीं है। पूरे शासन प्रशासन को इस घटना को गंभीरता से लेकर जांच पड़ताल कर दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। यह घटना साफ तौर पर एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा छात्रों के विरोध प्रदर्शन को दबाने का एक षड्यंत्र था।
उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज द्वारा किए गए इस अनैतिक कृत्य की जितनी निंदा की जाए कम है। छात्रों की इस लड़ाई में वह छात्रों का पूरा समर्थन करती हैं और यदि कॉलेज प्रबंधन द्वारा शीघ्र अतिशीघ्र छात्रों की समस्या का समाधान ना किया गया तो वह स्वयं छात्रों के इस आंदोलन में शामिल हो जाएंगी।