गुलामी के प्रतीक नामों को बदला जाना चाहिए: त्रिवेंद्र

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पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पूजा कर रिस्पना अभियान का किया शुभारंभ

मसूरी। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देवभूमि विकास संस्थान के तत्वाधान में आयोजित मिशन रिस्पना से ऋषिपर्णा अभियान का शुभारंभ मसूरी टिहरी बाईपास रोड एनएच 707ए वुड स्टॉक स्कूल के समीप रिस्पना नदी के उदगम स्थल पर जाकर जल स्रोत की पूजा अर्चना की व उदगम स्थल पर पौधा रोपण करने के साथ ही स्रोत की सफाई भी की।
इस मौके पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि 25 सितंबर की बैठक में तय किया गया था कि एक बार फिर रिस्पना अभियान को शुरू किया जाय जिसके लिए ईगासपर्व को चुना गया। क्योंकि यह पर्व देवउत्थान का पवित्र दिन है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक युग में कई नदियों का पुनरूत्थान हुआ है इसलिए इसके सौंग बांध से भी पानी लिया जा सकता है। ताकि रिस्पना सदा की तरह बहती दिखे। यह केवल नदी को जीवित करने का अभियान नहीं बल्कि इससे पूरा ईको सिस्टम के लिए यह जरूरी है। उन्होंने ब्रिटिश काल के नाम बदलने के सवाल पर कहा कि वे नाम बदले जाने चाहिए जो गुलामी के प्रतीक है लेकिन जिन्होंने भारत के विकास के लिए कार्य किया उनका स्मरण किया जाना चाहिए। इस मौके पर उन्होंने मौजूद लोगों से संकल्प करवाया कि वह रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने में अपना सहयोग करेगे। इसके लिए जहां जन सहभागिता जरूरी है वहीं सरकार का सहयोग भी जरूरी है। इस मौके आह्वान किया कि जब भी जिसको समय मिले वह इस अभियान में सहयोग करे। इस मौके पर मेयर सुनील उनियाल गामा, शमशेर सिंह पुंडीर, ओपी उनियाल, मोहन पेटवाल, कुशाल राणा, पुष्पा पडियार, सभासद अरविंद सेमवाल, विजय रमोला, मुकेश धनाई, विजय बिंदवाल, राकेश ठाकुर, दर्शन रावत, शिव प्रसाद मंमगाई, डा. नरेंद्र सिंह, सहित बड़ी संख्या में सदस्य व मसूरी भाजपा मंडल के सदस्य मौजूद रहे।