मानकों के उल्लंघन पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने काशीपुर के एक और अस्पताल पर लिया एक्शन।

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काशीपुर के ‘स्पर्श मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल’ की सूचीबद्धता समाप्त।

देहरादून 05जुलाई। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण। मानकों का उल्लंघन करने के आरोप में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने आयुष्मान सूचीबद्ध स्पर्श मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल मुरादाबाद रोड काशीपुर, उधम सिंह नगर की सूचीबद्धता को निलंबित कर दिया है। साथ ही उसे कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से जारी निलंबन व कारण बताओ नोटिस में आरोप है कि उक्त अस्पताल ने लाभार्थियों के उपचार के एवज में भुगतान हेतु जो दावे प्रस्तुत किए हैं वह राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मानकों के अनुरूप नहीं हैं। शुरुआत से अब तक हॉस्पिटल ने लगभग ₹2 करोड़ से अधिक के क्लेम्स दाखिल किए हैं, जिसमें अनियमितताओं के चलते ₹60 लाख से अधिक के क्लेम्स रिजेक्ट किए जा चुके हैं और अन्य पर जांच के आदेश प्राधिकरण द्वारा दिए गए हैं।

अनियमितताओं में मुख्य रूप से हॉस्पिटल द्वारा मरीजों की आईसीयू बेड की फोटो का उपलब्ध न करना, आईसीयू हेतु दाखिल की गई मरीजों की फोटो में आइवी लाइन दृष्टनीय नहीं है, मरीजों को आईसीयू से डायरेक्ट रिचार्ज दिखाया जाना, OPD की जगह IPD दर्शाना, आवश्यक पैथोलॉजी जांच रिपोर्ट का उपलब्ध न होना, अधिकृत डॉक्टर्स द्वारा उपचार का न पाया जाना इत्यादि। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अनुसार हॉस्पिटल ने NHA की गाइडलाइंस का पूरी तरह से उल्लंघन किया है। शिकायतों व जांच-पड़ताल के बाद राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने काशीपुर के स्पर्श मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल की सूचीबद्धता निलंबित कर दिया गया है। हॉस्पिटल नई मरीजों को भर्ती नहीं कर सकेगा, लेकिन जिन मरीजों का वहां उपचार चल रहा है वह जारी रहेगा। आयुष्मान योजना को संचालित कर रहे स्वास्थ्य प्राधिकरण के चेयरमैन डी.के. कोटिया ने बताया कि काशीपुर के स्पर्श मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल की ओर से अब एक ₹02 करोड़ से अधिक का क्लेम दाखिल किया गया है। जबकि अनिमियताओं के चलते अब तक ₹60 लाख रिजेक्ट किए जा चुके हैं और अन्य पर स्पेशल ऑडिट के भी आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल को नोटिस भेजकर 5 दिन के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है। नोटिस के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी और संबंधित हॉस्पिटल से रिकवरी की भी प्रक्रिया की जाएगी। श्री कोटिया ने कहा कि इस तरह की अनियमितताओं व लापरवाही से मरीज के स्वास्थ्य व जीवन पर भी खतरा बन सकता है।