बारिश और तूफान ने उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों मे मचाई भारी तबाही

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देहरादून। उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में बारिश से अच्छी खासी मुसीबतें भी खड़ी हो रही हैं। उत्तरकाशी में बारिश के रौद्र रूप के कारण चार धाम यात्रियों से लेकर किसानों तक को बड़ी परेशानी हो रही है। एक जगह तो हाईवे पर बाढ़ जैसे हालात बन गए और यमुना घाटी में ओले गिरने से फसलें प्रभावित हुईं। तो टिहरी में आंधी, तूफान और बारिश से तबाही हुई। हरिद्वार, दून और अल्मोड़ा ज़िलों में कहीं पानी भर जाने से समस्याएं विकराल हो गई हैं तो कहीं बिजली और पेयजल की सप्लाई पर असर पड़ा है।
उत्तरकाशीे में मंगलवार 10 मई की देर शाम बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हुआ। गंगोत्री हाईवे पर जगह जगह जलभराव हो गया तो वहीं मातली गदेरा के उफान पर आने से कई घरों दुकानों में बरसाती पानी मिट्टी घुस गया। इस दौरान पूरा गंगोत्री हाईवे कीचड़ में तब्दील दिखा। चार धाम यात्रियों समेत स्थानीय लोगों को भी खासी दिक्कतें हुईं। गंगा घाटी में हवाओं के साथ बारिश हुई, वहीं यमुना घाटी में भारी ओलावृष्टि से काश्तकारों की नगदी फसल को नुकसान पहुंचा। तहसील बड़कोट में ओले गिरने से नगदी फसलें और धारी कफनौल क्षेत्र में सेब, टमाटर, चुलू, नाशपाती, खुमानी, पुलम सहित सब्ज़ियों को भी भारी क्षति पंहुची। ग्रामीण काश्तकारों ने प्रशासन से नुकसान के आंकलन के लिए टीम भेजने की मांग की। टिहरी में बारिश के चलते घनसाली तिलवाड़ा रोड पर 3 घंटे के लिए यातायात ठप पड़ा रहा। बारिश के चलते मूलगढ़ गदेरा उफान पर आने से मुसीबत बढ़ गई। बारिश थमने के बाद जेसीबी से मलबा हटाकर वाहनों की आवाजाही को सुचारू किया गया। गौरतलब है कि टिहरी के चंबा को चार धाम यात्रा का मुख्य पड़ाव माना जाता है इसलिए यहां अच्छा खासा जनसैलाब इन दिनों दिख रहा है।
यही नहीं, टिहरी झील में तूफान से बोट मालिकों को भारी नुकसान हुआ। तूफान के चलते नावें आपस में टकराईं, इंजन भी झील में डूबे। झील में जेटी की कमी के चलते बोट्स को नुकसान होने की बात कही जा रही है। क्योंकि जेटी बढ़ाने की मांग कई बार की गई लेकिन प्रशासन के ध्यान न देने पर हर बार आंधी तूफान में बोट मालिकों को भारी नुकसान हो रहा है। तूफान से खड़ी बोटें तक क्षतिग्रस्त हुईं।