देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने जीता स्मार्ट सिटी इंडिया अवॉर्ड कॉनटेस्ट 2020 का वॉटर अवॉर्ड एवं 3rd राउंड की बेस्ट सिटी अवॉर्ड 2020।

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देहरादून/सूरत 18 अप्रैल को सूरत,गुजरात मेंSmart Urbanization Conference आयोजित किया गया, जिसमें देहरादून स्मार्ट सिटी लि0 को वॉटर प्रोजेक्ट के अन्तर्गत वेहतरीन कार्यो हेतु इंडिया स्मार्ट सिटी अवॉर्ड 2020 के तहत वॉटर अवॉर्ड श्रेणी मे तथा सिटी अवॉर्ड श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

सूरत, गुजरात में आयोजित Smart Urbanization Conference 18अप्रैल से 20 अप्रैल में चलने वाली में निम्न जनप्रतिनिधी, अधिकारी एवं अन्य उपस्थित रहें।
1. श्री हरदीप पूरी, मंत्री, शहरी एवं आवासन मंत्रालय, भारत सरकार।
2. श्री कौशल किशोर, संट्रेल मिनिस्टर, हाउसिंग एण्ड अर्बन अफेयर, गुजरात।
3. श्री हार्दिक पूरी, रेल मंत्री, गुजरात
4. श्रीमति दर्शना ददोतश्री, मंत्री, गुजरात।
5. श्रीमति हेमा, मेयर, सूरत गुजरात।
6. श्री कौशिक किशोर, केन्द्रीय मंत्रीमण्डल, गुजरात।
7. श्री अरविन्द बुरारी, मंत्री, हाउसिंग एण्ड अर्बन अफेयर, गुजरात।
8. श्री कुनाल कुमार, ज्वइंट सेक्ट्रीरी, (स्मार्ट सिटी मिशन), भारत सरकार।
9. मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सूरत स्मार्ट सिटी लि0, गुजरात।
इसके अतिरिक्त देहरादून स्मार्ट सिटी लि0 के अधिकारी उपस्थित रहें,

श्री हरदीप पूरी, मंत्री, शहरी एवं आवासन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा यह अवॉर्ड दिया गया, देहरादून स्मार्ट सिटी के निम्न अधिकारियों द्वारा अवॉर्ड लिया।
1. श्री कृष्ण पल्लव चमोला, सहायक माहप्रबन्धक, (वॉटर वर्कस), देहरादून स्मार्ट सिटी लि0।
2. सुश्रीप्रेरणा ध्यानी, पी0आर0ओ0, देहरादून स्मार्ट सिटी लि0।
3. सुश्री नेहा डोभाल, ई0एस0एन0ओ0, देहरादून स्मार्ट सिटी लि0।
4. श्री प्रसून गर्ग, पी0ई0पी0ओ0, देहरादून स्मार्ट सिटी लि0।

देहरादून स्मार्ट सिटी लि0 के मुख्य कार्यकारी अधिकारी/जिलाधिकारी देहरादून डॉ आर0 राजेश कुमार ने कहा कि देहरादून स्मार्ट सिटी द्वारा वॉटर मैनेजमेन्ट के अन्तर्गत पेयजल परियोजनाओं के सभी क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। उन्होने कहा की देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि शहर की जनता को साफ एवं स्वच्छ जल मुहैया करवाया जाएं।

देहरादून स्मार्ट सिटी लि0 के जलापूर्ति परियोजनाओं में निम्नलिखित परियोजनाएं सामिल है।
पेयजल स्काडा परियोजनाः-
देहरदून स्मार्ट सिटी परियोजना के अर्न्तगत देहरादून शहर में जल की पूर्ति हेतु पंपिंग एक्यूरेसी बढ़ाने के लिए एस्को मॉडल लागू किया जा रहा है। इस मॉडल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे पंपिंग में होने वाली ऊर्जा खपत में बहुत अधिक बचत होती है । दस वर्षों में पैंतीस करोड़ रुपयों की ऊर्जा बचत के साथ-साथ अतिरिक्त संभावित ऊर्जा बचत के अंश के रूप में तेरह करोड़ लागत की बचत अर्थात् कुल 48 करोड़ रुपयों की ऊर्जा बचत इस मॉडल के आधार पर अनुमानित है।
पानी की बर्बादी को रोकने के लिए ओवरहेड टैंकों एवं अन्य स्टोरेज टैंकों में आधुनिक सेंसर लगाये जा रहे है जिससे प्रति दिन 1.75 मिलियन लीटर पानी की बचत अनुमानित है।
देहरादून स्मार्ट सिटी परियोजना के अर्न्तगत उत्तराखण्ड जलसंस्थान द्वारा अनुरक्षित 206 नलकूप एवं 06 पंपिग स्टेशन को पूर्ण रूप से स्वचालित करने व लगभग 70 उच्च जलाशयों से स्वचालित जलापूर्ति की योजना पर कार्य किया जा रहा है जिसके लिए स्वचालित स्काडा प्रणाली के माध्यम से एकीकृत कन्ट्रोल रूम से अनुश्रवण, संचालन व नियंत्रण किया जा सकेगा ।
पेयजल संवर्धन परियोजनाः-
पेयजल की गुणवत्ता व वितरण में सुधार लाने के लिए पेयजल संवर्धन परियोजना के अन्तर्गत अन्तर्गत शहर के ए0बी0डी0 एरिया में 50 वर्ष पुरानी लाइन को बदला जा रहा है।
वितरण प्रणली को पूर्ण रूप से बिछाये जाने के बाद उक्त में से कुल 6245 उपभोक्ताओं को पानी का कनेक्शन दिया जाएगा एवं सभी कनेक्शनों पर वॉटर मीटर लगाये जाएंगे साथ ही अग्निशमन कार्यो हेतु अलग से फायर हाइड्रेन्ट देने का भी प्रावधान किया गया है ताकि भविष्य में पुरानी वितरण प्राणाली से होने वाले जलक्षय व बार-बार लीकेज के कारण होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिल सके।

वॉटर ए0टी0एम0 परियोजनाः-
स्मार्ट सिटी प्लान के अन्तर्गत देहरादून शहर में 24 स्थानों पर वाटर ए0टी0एम लगाए जाने है। इसके अन्तर्गत कम मूल्य में शुद्ध पेयजल, सार्वजनिक स्थानों पर उपलब्ध कराया जाना है। यह परियोजना पी0पी0पी0 मोड पर संचालित की जा रही है, एवं सार्वजनिक स्थानों पर आर0ओ0 वाटर की सुविधा निम्न विवरण एवं सुविधाओं के आधार पर की जा रही है ।
कम पानी की लागत
ऽ 300 मिली लीटर- बिना गिलास, 1.00 रूपये
ऽ गिलास के साथ 300 मिली लीटर 2.00 रूपये
ऽ 1 लीटर बिना बोतल 3.00 रूपये
ऽ 5 लीटर बिना बोतल 14.00 रूपये
र्स्माट वाटर मीटर परियोजनाः-
इस परियोजना के अन्तर्गत 6245 पेयजल कनेक्शनों पर स्मार्ट वॉटर मीटर लगाए जाएंगे। ये मीटर ऑटोमेटिक मीटर रिकॉडिंग की तकनीक से युक्त होंगे। इनकी मीटर रीडिंग लेने के लिए मीटर रीडर को उपभोक्ता की प्रोपर्टी के अन्दर नहीं जाना पडे़गा, बल्कि 50 से 100 मीटर की दूरी से ही मीटर रीडर के गुजरने मात्र से ही उसके रिमोट मीटर रीडिंग यंत्र में रीडिंग रिकॉर्ड हो जाएगी। इस यंत्र को जल संस्थान सेन्ट्रल कमाण्ड के कम्प्यूटर में उपलब्ध उपभोक्ताओं के डाटाबेस से एक सॉफ्टवेयर द्वारा ऑटोमेटिक बिल जनरेट हो जाएगा। इसके पानी के बिल उपभोक्ताओं तक एसएमएस या मेल के माध्यम से भेजे जा सकने कि सुविधा होगी और ऑनलाइन पेमेंट की भी सुविधा दी जाएगी। इससे जहॉं एक ओर आवश्यकता से अधिक पानी का उपयोग करने की प्रवृति पर अंकुश लग सकेगा वहीं पानी को कम प्रयोग करने वाले उपभोक्ता को लाभ होगा, क्योंकि उपयोग किये गये जल की मात्रा का ही भुगतान उन्हें करना होगा।