कांग्रेस संगठन में बदलावः गढवाल-कुमाऊ संतुलन का फार्मूला खारिज, हरदा और प्रीतम टीम से बाहर

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देहरादून। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में कांग्रेस में अंर्तकलह सामने आयी। चुनाव के दौरान और बाद में भी हर मोर्चे पर हरीश रावत और प्रीतम सिंह गुट आमने सामने थे। जिससे कांग्रेस की किरकिरी हो रही थी। उसके बाद उत्तराखण्ड में कांगेस ने नए सिरे से ढाचा तैयार किया। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को बाहर रखा गया है। हालांकि कांग्रेस ने नए सांगठनिक बदलाव में गढ़वाल और कुमायू के क्षेत्रीय संतुलन को भी खारिज कर दिया। उत्तराखंड में पहली बार अध्यक्ष, नेता विरोधी दल और डिप्टी नेता विपक्ष कुमाऊं रीजन से हैं। क्षेत्रीय बैलेंस बनाए जाने के लिए जो ट्राइड और टेस्टेड फॉर्मूला चलते आया था, वो इस बार कांग्रेस ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने इस बार ठाकुर, ब्राह्मण और दलित के बीच का कॉन्बिनेशन बरकरार रखा है।
उधम सिंह नगर जिला प्रदेश की राजनीति में बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी का गृह जिला है। यहीं से नेता विपक्ष यशपाल आर्य हैं और डिप्टी लीडर भुवन चंद्र कापड़ी भी हैं। इस टीम में कांग्रेस ने कोशिश की है कि धड़ेबाजी पर रोक लगे। राज्‍य की राजनीति में हरीश रावत का रोल तकरीबन खत्म हो गया है। वहीं, उनके धुर विरोधी प्रीतम सिंह भी टीम से बाहर रखे गए हैं। गौरतलब है कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने बड़ा फैसला लेते हुए 49 वर्षीय करण महारा को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है। वह उत्तराखंड की सियासत में खासी पकड़ रखते हैं। इसके अलावा विधायक दल का नेता के रूप में यशपाल आर्य, तो विधायक दल के उपनेता के रूप में भुवन चंद कापड़ी की नियुक्ति की गई है। उत्तराखंड कांग्रेस में हुए बदलाव की जानकारी पार्टी के राष्‍ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दी है।