टीसी उप्रेती बने दिल्ली पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष

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नई दिल्ली – कॉर्पोरेट जगत के दिग्गजों में शुमार तारा चंद्र उप्रेती को दिल्ली पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन का नया अध्यक्ष चुना गया है। वह दो साल तक इस पद पर रहेंगे। बजाज समूह में अहम जिम्मेदारी निभा रहे उप्रेती उत्तराखंड में विभिन्न सामाजिक कार्यों के लिए काफी चर्चित रहे हैं। दिल्ली पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन को दिल्ली पैरालंपिक समिति के रूप में जाना जाता है। दिल्ली में दिव्यांगध्दृष्टिहीन खिलाड़ियों से संबंधित खेलों का संचालन करने वाला प्रमुख संगठन है। दिल्ली पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन दिल्ली में पैरा खेलों के विकास के लिए काम करने वाला एक गैर-लाभकारी संगठन है। यह दिव्यांग एथलीटों के विकास के लिए समर्पित है।
अध्यक्ष पद का जिम्मा संभालने के बाद उन्होंने बताया कि दिल्ली राज्य में पैरालंपिक खेलों की शीर्ष संस्था का प्रमुख होने के नाते वह राजधानी की पैरालंपिक प्रतिभाओं की पहचान करेंगे, उन्हें अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए जरूरी प्रशिक्षण और कोचिंग प्रदान कराएंगे। वह इन खेलों को आगे बढ़ाने के लिए अपने गृहराज्य उत्तराखंड की भी मदद करेंगे।
टीसी उप्रेती ने बताया कि वह अन्य प्रमुख राज्यों के साथ पैरा स्पोर्ट्स में सहयोग करके पैरा खेलों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि टोक्यो पैरालंपिक खेलों में दिव्यांग खिलाड़ियों ने सफलता का स्वर्णिम अध्याय लिखा। सभी राज्यों में देश को स्टार खिलाड़ी देने का माद्दा है। उन्होंने कहा कि वह दिव्यांगों के बीच आत्मसम्मान का संचार करने, उनकी प्रतिभा को बढ़ावा देने और उनका सर्वश्रेष्ठ सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दिव्यांगों ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पर्वतारोहण और खेल में शीर्ष पर पहुंचने का संकल्प दिखाया है।
टीसी उप्रेती ने उत्तराखंड प्रेम के प्रति समर्पण की भावना से रानीखेत के पास योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना की है। उत्तराखंड में किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। इनके माध्यम से नवयुवकों को योग-शिक्षा एवं जैविक खेती से जोड़ा जा रहा है। वह उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। तारा चंद्र उप्रेती ने कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान आजीविका खो चुके उत्तराखंड के सीमांत कलाकारों को ई-मंच प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन करने के साथ-साथ आर्थिक जरूरतों में सहयोग करने का सराहनीय प्रयास किया।
वह नैनीताल बैंक (बैंक ऑफ बडोदा के सहायक बैंक) में अधिकारी पद पर नियुक्त हुए। नैनीताल बैंक में सराहनीय कार्य करते हुए सहायक महाप्रबंधक पद पर पहुंचे। नैनीताल बैंक में रहते हुए वहां के नौजवानों को स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराना, पहाड़ों में उद्योगों की स्थापना के लिए प्रोत्साहन देना, नैनीताल बैंक को पहाड़ों से निकालकर दिल्ली और उत्तर प्रदेश के शहरों में शाखा विस्तार कर मजबूती प्रदान करने में अतुलनीय योगदान दिया।
उनके जीवन में सन् 1999 में महत्वपूर्ण मोड़ आया जब उन्हें बैंक से कॉर्पोरेट जगत में कदम रखने का मौका मिला। उन्हें गुजरात से जुड़ी कंपनियों टोरेंटर फॉर्मा और टोरेंटर पॉवर का संयुक्त रूप से महाप्रबंधक नियुक्त किया गया, जिसमें उन्होंने नित नई ऊंचाइयां प्राप्त की।
साल 2011 में काशीपुर स्थित 450 मेगावाट गैस आधारित पावर प्लांट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बने, जो उत्तराखंड में गैस आधारित पहला पावर प्लांट था। गैस पर आधारित पावर प्लांट लगने से पहली बार उत्तराखंड में गेल इंडिया लिमिटेड द्वारा पाइप लाइन बिछाई गई, जिससे उत्तराखंड में गैस आधारित उपयोग और घरेलू गैस सप्लाई के नए आयाम शुरू हुए। तारा चंद्र उप्रेती 2013 में बजाज समूह के प्रेसीडेंट नियुक्त हुए। इस समय में वह ग्रुप के टॉप एक्जीक्यूटिव की टीम में ग्रुप प्रेसीडेंट के पद पर कार्यरत हैं। अपने व्यवसायी कार्य से इतर उनकी सामाजिक कार्यकलापों में बहुत रूचि है।