देहरादून: प्रदेश में कोरोना के बीच डॉक्टरों की कमी देखने को मिल रही है। जिसको लेकर युवा डॉक्टरों की टीम निशुल्क टेलीमेडिसिन सेवा देने की मुहिम में जुट गई है। इसके लिए एम्स के चिकित्सकों की ओर से 1,600 डॉक्टरों को ट्रेनिंग देकर तैयार किया जा रहा है।
डॉक्टरों की टीम के साथ-साथ आईआईटी रुड़की की टेक्निकल टीम भी इसको लेकर कार्य कर रही है। जल्द तहसील स्तर पर टोल फ्री नंबर जारी कर लोगों को टेलीमेडिसिन सेवा की सुविधा दी जाएगी।
उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे कोविड-19 के कहर को देखते हुए एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों की टीम ने अपने स्तर से एक बेहतर प्रयास शुरू किया है।
जिसके चलते राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी घर बैठे टेलीमेडिसिन की सुविधा मरीजों को ब्लॉक स्तर पर मिलेगी। इसके लिए उत्तराखंड मेडिकल कॉलेज के 1600 डॉक्टरों को एम्स के डॉक्टरों की विशेष टीम ट्रेनिंग दे रही है।
आगामी 3 दिनों में ट्रेनिंग पूरी होते ही आईआईटी रुड़की के सहयोग से राज्य की सभी तहसीलों में ब्लॉक स्तर पर टेली मेडिसन सेवा के लिए नंबर जारी किए जाएंगे। जिन पर कॉल करते ही मरीजों को चिकित्सा सुविधा का परामर्श दिया जाएगा।
मरीज की स्थिति के अनुसार वरिष्ठ चिकित्सकों से सलाहकार मरीज को दवाइयां भी कॉल कर नोट करवाई जाएंगी। जिससे तत्काल मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके। कोरोना को लेकर पैनिक हो रहे लोगों को मानसिक डिप्रेशन से बाहर निकालने के प्रयास भी टेलीमेडिसिन के द्वारा किए जाएंगे।
यह सुविधा चालू होने के बाद राज्य के लाखों लोगों को इसका लाभ मिलने की उम्मीद है। जिससे हल्की सी बीमारी होने पर अस्पतालों की दौड़ लगाने वाले मरीजों की संख्या में कमी आएगी।
एम्स के युवा डॉक्टर और प्रोजेक्ट मैनेजर डॉक्टर विनोद ने बताया कि इस सेवा का नाम गरुड़ टेलीमेडिसिन सेवा रखा गया है।
डॉक्टर विनोद ने कहा इससे हमारा प्रयास है किउत्तराखंड के प्रत्येक सुदूरवर्ती क्षेत्र में अपनी सेवाएं देकर अपने डॉक्टर होने के फर्ज को अदा कर सकें। बताया इस पूरे प्रोजेक्ट में उनकी मदद में डॉक्टर राहुल शर्मा और आईटी टीम से, एक्सपर्ट संकेत भी भरपूर सहयोग दे रहे हैं।