जेल विकास बोर्ड बैठक: ‘एक जेल–एक प्रोडक्ट’ मॉडल विकसित करने के सीएम धामी के निर्देश
देहरादून, 11 दिसम्बर। मुख्यमंत्री
पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में आयोजित जेल विकास बोर्ड की बैठक में राज्य की सभी जेलों में ‘एक जेल–एक प्रोडक्ट’ मॉडल विकसित करने के निर्देश देते हुए कहा कि कारागारों में निरुद्ध बंदियों के कौशल विकास के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम अनिवार्य रूप से संचालित किए जाएं। उन्होंने कहा कि आईटीआई के माध्यम से विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जेलों में तैयार किए जा रहे उत्पादों का सरकारी कार्यालयों में उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कारागारों में भोजन व्यवस्था की नियमित मॉनिटरिंग करने और सभी जेलों में चिकित्सकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में निर्णय लिया गया कि केन्द्रीय कारागार सितारगंज, जिला कारागार अल्मोड़ा, पौड़ी, टिहरी, तथा उपकारागार हल्द्वानी और रुड़की में आधुनिक लॉन्ड्री मशीनों की स्थापना की जाएगी। देहरादून और हरिद्वार जेल में इस व्यवस्था से प्राप्त अच्छे परिणामों को देखते हुए इसे अन्य जेलों में भी विस्तार दिया जा रहा है।
बैठक में खुली जेल सितारगंज में कच्ची घानी सरसों तेल संयंत्र स्थापित करने के प्रस्ताव पर सहमति बनी। इसके साथ ही सितारगंज और हरिद्वार जेल में मशरूम फार्मिंग की भी मंजूरी दी गई। जानकारी के अनुसार हरिद्वार, अल्मोड़ा, सितारगंज केन्द्रीय कारागार और हल्द्वानी उपकारागार में बेकरी यूनिट से लगभग 12 लाख रुपये की आय अर्जित हुई है, जबकि सितारगंज खुली जेल में गौशाला की स्थापना से 10 लाख रुपये की आय प्राप्त हुई है।
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव गृह शैलेश बगोली, अपर पुलिस महानिदेशक कारागार अभिनव कुमार, सचिव सी. रविशंकर सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।



